कोरोना संक्रमण का शिकार होने के बाद मरीजों को बुखार और सांस लेने में परेशानी होना तो आम समस्या है, लेकिन मौजूदा स्ट्रेन में कोरोना दांतों को भी नुकसान पहुंचा रहा है। चिकित्सकों के पास एकाएक दांतों के मरीज बढ़ने लगे तो इस बात का पता चला। चिकित्सक भी मान रहे हैं कि मौजूदा स्ट्रेन में कोरोना दांतों के स्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचा रहा है। मरीजों के मसूड़ों में फंगस देखने को मिल रही है और इसका इलाज बहुत जरूरी है। अन्यथा यह अंदर ही अंदर फैलती जाएगी।
जालंधर के प्रसिद्ध दंत चिकित्सक डॉ. समीर नैयर का कहना है कि उनके पास काफी मरीज ऐसे आ रहे हैं, जिनको संक्रमण के दौरान व बाद में दांतों में अजीब परेशानी महसूस हुई। कई मरीज तो ऐसे आए जो एक मिनट दांतों को दबाने पर कुछ झनझनाहट महसूस कर रहे थे तो कई मरीजों के दांत हिल रहे थे। दांतों से जुड़ी यह समस्या और भी गंभीर हो सकती है। इस बीमारी से रिकवर होने के बाद भी लोगों में लंबे समय तक इसका असर रहता है।
सीएमसी में पूर्व हेड ऑफ डिपार्टमेंट वरिष्ठ दंत सर्जन डॉ. विनय अग्रवाल का कहना है कि कोरोना संक्रमण के बाद मसूड़ों पर खासा असर देखा गया है। संक्रमण से मसूड़ों में फंगस के मरीज सामने आ रहे हैं। फंगस बाहर से नहीं, बल्कि अंदर से पैदा होती है, इसलिए यह काफी घातक होती है। इसलिए कोरोना संक्रमण के बाद दांतों की देखभाल बहुत जरूरी है। दांतों में हल्के से दर्द को भी गंभीरता से लेना चाहिए।
दंत चिकित्सक डॉ. सचिन देव मेहता ने दांतों की जड़ों में इस संक्रमण को एपिकल पीरियडोंटाइटिस बीमारी बताया है। वे भी मान रहे हैं कि कोरोना संक्रमण का मौजूदा दौर दांतों पर काफी असर डाल रहा है। उनके पास कई ऐसे मरीज आए हैं, जो संक्रमण के बाद दांतों की बीमारी के शिकार हुए हैं।
इसमें दांत की जड़ के ऊपरी भाग के चारों ओर तेज दर्द होता है, जबकि जांच के दौरान उनमें फंगस भी देखी गई है। इसलिए कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद यदि दांत में दर्द है तो उसे कतई हल्के में न लें और चिकित्सक से राय लें।