पंजाब सरकार ने निजी अस्पतालों, क्लीनिक और लैब्स को कोविड-19 के रैपिड एंटीजेन टेस्ट (आरएटी) करने की मंजूरी दे दी है। यह कदम कोरोना महामारी के फैलाव पर जल्द अंकुश लगाने और पाजिटिव मरीजों का समय पर पता लगाने के लिए उठाया गया है।
उन्होंने कहा कि पंजाब के सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि जिला सेहत अथॉरिटी द्वारा सूचीबद्ध होने के बाद यह संस्थाएं आरएटी कर सकेंगी। इसे लेकर राज्य के सभी डिप्टी कमिश्नरों व सिविल सर्जनों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैैं। उन्होंने कहा कि सेहत विभाग द्वारा आरएटी किटे मुफ्त में उपलब्ध करवाई जाएंगी जिसे लेकर सभी तैयारियां लगभग पूरी की जा चुकी हैैं।
उन्होंने कहा कि सिविल सर्जन उन निजी अस्पतालों, क्लीनिक व लैब को सूचीबद्ध करेंगे जो विभाग की तरफ से दी जाने वाली आरएटी किटों से टैस्ट करने के लिए इच्छुक होंगे। टेस्ट करने के लिए इन संस्थाओं को सेहत एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा निर्धारित मानकों का पालन करना होगा।
250 रुपये में होगा टैस्ट
सेहत मंत्री सिद्धू ने कहा कि विभाग द्वारा मुहैया करवाई गई किटों से टेस्ट करने पर निजी अस्पताल व लैब्स लोगों से टेस्ट के लिए अधिक से अधिक 250 रुपये फीस ले सकेंगे। इससे पहले, अपनी किटों से रैपिड टेस्ट करने वाली लैब्स की फीस को 1000 रुपये से घटाकर 700 रुपये कर दिया गया था। इस फीस में जीएसटी व अन्य टैक्स भी शामिल हैं।
स्कॉलरशिप के लिए आवेदनपत्र मांगे
अल्पसंख्यक वर्गों के साथ संबंधित नौजवानों के लिए प्री मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक और मैरिट-कम-मीनज बेस्ड स्कॉलरशिप के लिए ऑनलाइन आवेदनपत्र मांगे गए हैं। 31 अक्टूबर तक ऑनलाइन अप्लाई किया जा सकता है।
पंजाब के सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक वर्ग विभाग की ओर से जानकारी दी गई है कि साल 2020-2021 के लिए राज्य के सिख, मुस्लिम, बौद्ध धर्म के अनुयायी, पारसी जैन और ईसाई आदि वर्गों के साथ संबंधित नौजवान इन स्कीमों का लाभ ले सकते हैं। विभाग ने बताया कि इन 100 प्रतिशत केंद्रीय प्रायोजित स्कीमों के लिए नए आवेदक, जो पहली बार अप्लाई करेंगे और नवीनीकरण आवेदक, जिन्होंने साल 2019-2020 के दौरान स्कॉलरशिप प्राप्त की है, 31 अक्टूबर, 2020 तक ऑनलाइन आवेदन दे सकते हैं।
स्कॉलरशिप के लिए वह विद्यार्थी ही अप्लाई कर सकता है, जो सरकारी या मान्यता प्राप्त प्राइवेट यूनिवर्सिटी, कॉलेज, स्कूल में पढ़ता हो। इस स्कीम के अंतर्गत नए पाठ्यक्रम में दाखिल वह विद्यार्थी ही वजीफा लेने का हकदार होगा, जिसने पिछली परीक्षा में कम-से-कम 50 प्रतिशत अंक हासिल किए हों।