पंजाब के जालंधर में सूर्यदेव के भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा: भगवान सूर्यदेव को पाप विनाशक तथा प्रखर बुद्धि का कारक माना गया

ऋग्वेद की रचना के बाद से प्रचलित हुई सूर्यदेव की उपासना की परंपरा बरकरार है। प्राचीन काल से ही पूर्व की तरफ मुख कर भगवान सूर्य को जल का अर्घ्य अर्पित करने को पाप विनाशक तथा प्रखर बुद्धि का कारक माना गया है। बिहार के औरंगाबाद, उत्तर प्रदेश के कालपी तथा उड़ीसा के कोणार्क के सूर्य मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं।

पंजाब के लुधियाना के बाद अब जालंधर में भी सूर्यदेव के भव्य मंदिर का निर्माण होने जा रहा है। श्री गीता मंदिर अर्बन एस्टेट फेज वन में इसके लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही हैंं। इसके लिए जहां जयपुर से सूर्यदेव की विशेष प्रतिमा मंगवाई गई है, वहीं मंदिर के वास्तु का भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

सहदेव परिवार द्वारा श्री गीता मंदिर अर्बन एस्टेट फेज वन में तैयार होने जा रहे सूर्यदेव के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य जुलाई माह तक पूरा होने की संभावना है। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल बताते हैं भक्तों द्वारा सूर्यदेव की प्रतिमा की इच्छा जताई गई थी, जिसे भव्य मंदिर बनाकर पूरा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सूर्यदेव की पूजा-अर्चना को लेकर इस मंदिर में खास व्यवस्था की जाएगी। यही कारण है कि श्रद्धालुओं में इस मंदिर के निर्माण को लेकर भारी उत्साह है।

मंदिर के महासचिव अनुराग अग्रवाल बताते हैं कि सूर्यदेव की प्रतिमा जयपुर से विशेष रूप से मंगवाई गई है, जो भगवान सूर्य के वास्तविक स्वरूप के मुताबिक सात घोड़ों पर सवार भगवान की अलौकिक प्रतिमा है।

राजेश अग्रवाल के मुताबिक मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद सूर्यदेव की भव्य प्रतिमा को यहां पर प्रतिष्ठापित किया जाएगा। इसके लिए राज्यभर से संत महापुरुष शामिल होकर विधिवत मंत्रोच्चारण व पूजा-अर्चना के साथ सूर्यदेव की इस प्रतिमा को यहां पर प्रतिष्ठापित करेंगे, जिसे लेकर शोभायात्रा निकाले जाने की भी योजना है।

इस बारे में प्रसिद्ध ज्योतिष रत्न नरेश नाथ बताते हैं कि सूर्यदेव की विधिवत की गई उपासना शीघ्र फल देती है। पूर्व की तरफ मुख करके सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित करने से तन व मन की शुद्धि के साथ-साथ पापों का नाश होता है।

इसी तरह सूर्यदेव की प्रतिमा के समक्ष बैठकर ‘ओम अदिति सूर्याय नमः’ का 108 बार उच्चारण करना चाहिए। इसके साथ ही गुड़ से बने हुए व्यंजन का प्रसाद अर्पित करें।

इस बारे में श्री गोपीनाथ मंदिर के पुजारी पंडित दीनदयाल शास्त्री बताते हैं कि भगवान सूर्य की उपासना करने से मनुष्य को अलौकिक फल मिलता है, जिसमें कुछ फल शीघ्र ही प्राप्त होते हैं।

  • शरीर को आरोग्य बनाने में सहायक
  • दोपहर के समय की गई साधना से मान सम्मान में वृद्धि
  • रविवार के दिन भगवान के आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए अवश्य करें सूर्यदेव पूजा
  • धन व सौभाग्य की प्राप्ति के लिए संध्या के समय भी करें भगवान की पूजा
  • प्रथम ग्रह होने के चलते सबसे पहले सूर्यदेव की पूजा करें

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