पंजाब में किसानों के विरोध से बचने का भाजपा ने नया फार्मूला निकाला है। पार्टी विरोध को शांत कराने के लिए अब किसान भाइयों का ही सहारा ले रही है।
एमएसपी की गारंटी सहित अन्य मांगें पूरी न होने को लेकर पंजाब में भाजपा को किसान संगठनों का विरोध झेलना पड़ रहा है। हालात यहां तक आ पहुंचे है कि भाजपा प्रत्याशियों को गांवों में घुसने से रोका जा रहा है। ऐसे में अब पंजाब भाजपा ने किसानों के विरोध से बचने और उन्हें शांत कराने के लिए नया फाॅर्मूला तैयार किया है।
अब देखना यह है कि भाजपा का यह नया फार्मूला किसान संगठनों के विरोध के आगे टिक पाएगा या नहीं। पंजाब भाजपा ने किसानों के विरोध से बचने और उन्हें शांत कराने के लिए किसान मोर्चा को अब चुनावी कैंपेन के लिए मैदान में उतारा है।
पंजाब भाजपा किसान मोर्चा ने शुक्रवार को प्रदेश की सभी 13 लोकसभा सीटों से किसान मोर्चा के लोकसभा चुनावी कैंपेन कमेटी के सदस्यों की घोषणा की है। प्रत्येक लोकसभा सीट से एक इंचार्ज और चार को-इंचार्ज बनाए गए हैं। कुल 65 लोगों की नियुक्ति की गई है।
यह नियुक्ति पार्टी के किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज कुमार चाहर और पंजाब प्रधान सुनील जाखड़ की तरफ से की गई है। इन नियुक्तियों को काफी अहम माना जा रहा है। साथ ही सोच यह है कि यह लोग अब किसानों के बीच जाकर पार्टी की नीतियों को लेकर जाएंगे। साथ ही पार्टी की छवि को सुधारने में सहयोग करेंगे।
इन्हें बनाया गया इंचार्ज
किसान मोर्चा लोकसभा चुनावी कैंपेन कमेटी में गुरदासपुर से बिक्रमजीत सिंह रंधावा को, अमृतसर से गुरमक सिंह को, खडूर साहिब से सितारा सिंह को, जालंधर से सतनाम सिंह बिट्टा को, होशियारपुर से करनपाल सिंह गोल्डी को, आनंदपुर साहिब से जतिंदर सिंह अठवाल को, लुधियाना से तेजिंदर कौर तेजी को, फतेहगढ़ साहिब से रणजीत सिंह सरां, को, फरीदकोट से लखविंदर सिंह मोमी को, फिरोजपुर से दविंदर पाल सिंह को, बठिंडा से गुरचरण सिंह संधू को, संगरूर से पलविंदर सिंह और पटियाला से अमरिंदर सिंह ढींडसा को इंचार्ज बनाया गया है।