पंजाबी गायक राजवीर सिंह जवांदा की सड़क हादसे में मौत का मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में याचिका दाखिल करते हुए बताया गया कि पिंजौर पुलिस की ओर से दर्ज डीडीआर में यह खुलासा हुआ है कि शौरी अस्पताल ने घायल जवांदा को समय पर प्राथमिक उपचार (फर्स्ट एड) देने से इन्कार कर दिया था।
इस घटना को लेकर लयर्स फाॅर ह्यूमन राइट्स इंटरनेशनल ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के अस्पतालों में डॉक्टरों की ऐसी असंवेदनशीलता और लापरवाही पर चिंता जताई है। संगठन ने इस मुद्दे पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। यह याचिका 27 अक्टूबर 2025 को दिवाली अवकाश के बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की गई है। याचिका में मांग की गई है कि राज्य सरकार और प्रशासन यह सुनिश्चित करें कि किसी भी आपात स्थिति में किसी भी अस्पताल की ओर से घायल व्यक्ति को प्राथमिक उपचार देने से इन्कार न किया जाए। याची ने कहा कि यदि समय पर प्राथमिक उपचार किया गया होता तो शायद जवांदा को बचाया जा सकता था। भविष्य में ऐसा न हो इसके लिए उचित निर्देश जारी करने की याचिका में अपील की गई है।
2014 में निकाली थी पहली एलबम
2014 में मुंडा लाइक मी एल्बम से राजवीर ने अपने कैरियर की शुरुआत की और 2016 में कली जवंदे दी से उन्हें पहचान मिली। 2017 में मुकाबला और कंगणी जैसे गाने हिट हुए। इसके बाद पटियाला शाही पग, केसरी झंडे, लैंडलॉर्ड, सरनेम समेत कई सुपरहिट गाने दिए। 2018 में पंजाबी फिल्म सूबेदार जोगिंदर सिंह से उन्होंने एक्टिंग डेब्यू किया और काका जी, जिंद जान, मिंदो तहसीलदारनी, सिकंदर 2 जैसी फिल्मों में अभिनय किया।
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