एजेंसी/ श्योपुर। नौकरी की तलाश में कुवैत गए श्योपुर के युवकों को बंधक बनाने का मामला सामने आया है। कुछ युवक तो बंधकों के कब्जे से छूटकर वापस अपने घर आ गए जबकि, दो युवक अभी भी बंधक हैं। बताया जा रहा है कि यह युवक दो-दो साल का वीजा लेकर करीब 2 महीने पहले ही नौकरी की तलाश में कुवैत गए थे, लेकिन वहां जाकर शेखों के चंगुल में फंस गए। पीड़ित परिवार अब मदद की गुहार लेकर एसपी व कलेक्टर के पास पहुंचे हैं। वही श्योपुर एसपी एसके पाण्डे ने भी मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए तत्काल मामले की रिपोर्ट भोपाल से लेकर दिल्ली में विदेश मंत्रालय तक भेज दी है।
जानकारी के मुताबिक, श्योपुर के मुस्लिम समुदाय में कुवैत में काम करने के लिए खासा क्रेज है। वर्तमान में 300 से ज्यादा युवक कुवैत में रहकर नौकरी कर रहे हैं। 5 अप्रैल को किला निवासी वाले 20 वर्षीय मोहम्मद अफसर अंसारी पुत्र मो. शरीफ और इस्लामपुरा निवासी 26 वर्षीय आसिफ पुत्र सिराज खांन कुवैत रियाद शहर कामकाज के लिए गए थे। दोनों 2 साल के वीजा पर गए थे। लेकिन वहां के शेखों ने घर के काम-काज के लिए खरीदने की बात कहकर मो. अफसर व आसिफ को बंधक बना लिया है। यह दोनों कुवैत के रियाद में दो अलग-अलग शेखों के घरों में कैद है। मंगलवार शाम आसिफ की पत्नी शहनाज खान ने एसपी एसके पांडे और मो. अफसर के पिता मो. शरीफ ने कलेक्टर पीएल सोलंकी को आवेदन देकर शिकायत दर्द कराई है।
परेशान परिजनों ने बताया कि इन दोनों युवकों के पासपोर्ट छीन लिए हैं इसलिए यह वहां से भागकर भी अपने देश नहीं आ सकते। बंधक बनाए गए आसिफ खान का बड़ा भाई तालिब भी दो साल से कुवैत में ही रहकर नौकरी कर रहा है। तालिब ने ही मंगलवार की सुबह अपने मोबाइल नंबर 0096566494203 से फोन लगाकर श्योपुर में यह सूचना दी है। इसके अलावा मो. शरीफ के पास भी कुवैत से एक परिचित का फोन आया और उनके बेटे मो. अफसर के बंधक बनाए जाने की सूचना दी है।
पिछले हफ्ते ही कुवैत से लौटकर आए कंडेल बाजार के रहने वाले 28 वर्षीय शफीक पुत्र रफीम मोहम्मद ने बताया कि कुछ महीनों से श्योपुर से जाने वाले युवकों को कुवैत में परेशान किया जा रहा है। वहां के शेख श्योपुर के युवकों को खरीदने की बात कहकर अपने घर में गुलामों की तरह रखते हैं। शफीक के मुताबिक उसे भी एक शेख ने बंधक बना लिया था और उससे रेगिस्तान में ऊंट घुमाने से लेकर घर के सारे काम करवाए। कनापुर निवासी एक युवक भी कुवैत में शेखों के चंगुल में बंधक रहा। इन दोनों युवकों के पासपोर्ट शेखों के हाथ नहीं लग पाए, इसलिए यह मौका पाकर वहां से भागने में सफल हो गए।