एजेंसी/ नई दिल्ली : शुक्रवार को केंद्रीय संस्कृति सचिव एन के सिन्हा ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी 25 और फाइलों को सार्वजनिक किया। 25 फाइलों के चौथे संस्करण को वेबपोर्टल पर डाला गया। जिसमें 1968 से 2008 तक की अवधि की फाइलें है। इसमें 5 पीएमओ से, 4 फाइलें गृह मंत्रालय से और 16 फाइलें विदेश मंत्रालय की शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 23 जनवरी 2016 को नेताजी की 119वीं जयंती के अवसर पर उनसे जुड़ी 100 फाइलों के पहले बैच को डिजिटीकरण के बाद सार्वजनिक किया गया था। 50 फाइलों का दूसरा बैच और 25 फाइलों का तीसरा बैच क्रमश: 29 मार्च 2016 तथा 29 अप्रैल 2016 को संस्कृति और पर्यटन तथा नागर विमानन राज्य मंत्री डॉ. महेश शर्मा द्वारा जारी किया गया।
जिससे पता चला है कि ब्रिटिश सरकार ने उन्हें कभी भी क्रिमिनल ऑफ वॉर करार नहीं दिया है। यह तथ्य जवाहर लाल नेहरु के संदर्भ में दिया जाता है कि नेहरु जी ने तत्कालीन ब्रिटिश पीएम क्लीमंट एटली को पत्र लिखा था। जिसमें नेताजी का जिक्र क्रिमिनल ऑफ वॉर के तौर किया गया था।
इस तत्य के सामने आने के बाद एक बार फिर से विवाद शुरु हो गया है। फाइलों के मुताबिक 2001 में ब्रिटेन ने भारत सरकार को लिखित रुप में सूचित किया था कि बोस उनके लिए कभी क्रिमिनल ऑफ वॉर रहे ही नहीं। कांग्रेस के लिए यह जानकारी नया विवाद पैदा कर सकती है।
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