नीम बहुतायात में पाया जाने वाला वृक्ष है. यह औषधीय गुणों से भरपूर होता है, इसलिए आम जीवन में इसका खूब प्रयोग होता है. इसकी पत्तियों से लेकर इसके बीज तक सब कुछ अत्यंत उपयोगी होते हैं. त्वचा, पेट, आँखें और विषाणु जनित समस्याओं में इसका प्रयोग अद्भुत होता है. इसकी पत्तियाँ किसी भी प्रकार के संक्रमण को रोक सकती हैं. नीम का अत्यधिक सेवन नपुंसकता ला सकता है, इस बात का ध्यान रखना चाहिए.
क्या है नीम का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व?
– देवी और शक्ति की उपासना में नीम का प्रयोग खूब किया जाता है
– माँ शीतला और माँ काली की पूजा में नीम का प्रयोग किया जाता है
– ज्योतिष में नीम का सम्बन्ध शनि और कहीं कहीं केतु से जोड़ा गया है
– शनि की शांति करने के लिए नीम की लकड़ी पर हवन करना शीघ्र फलदायी होता है
– इसी प्रकार नीम के पत्तों वाले जल से स्नान करने पर केतु की समस्याएँ दूर होती हैं
– नीम की लकड़ी पर बने हुए यन्त्र अत्यंत प्रभावशाली माने जाते हैं
नीम के विशेष प्रयोग क्या हैं?
– नीम का पौधा घर में ऐसे स्थान पर लगायें , जहाँ से पूरे घर से उसकी हवा आ सके
– घर के मुख्य द्वार पर नीम का पौधा अत्यंत शुभ माना जाता है
– अगर वाणी की समस्या हो, या चंचल मन की समस्या हो तो नीम की दातुन जरूर करनी चाहिए
– नीम के तेल और छाल के प्रयोग से कुष्ठ रोग सरलता से दूर किये जा सकते हैं
– अगर शनि पीड़ा दे रहा हो तो नीम की लकड़ी की माला धारण करनी चाहिए
– नीम के पत्तों का वन्दनवार लगाने से घर में नकारात्मक उर्जा प्रवेश नहीं करती
– घर में अगर बुजुर्ग हों तो नीम का पौधा जरूर लगाएं और उसकी नियमित देखभाल करते रहें