शिक्षा मंत्रालय और सूचना प्रसारण मंत्रालय के सचिवों के साथ नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के महानिदेशक ने शनिवार को पूरे मामले पर नए सिरे से स्थिति स्पष्ट की और कहा कि नीट परीक्षा में कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है। उन्होंने कहा कि विवाद सिर्फ छह केंद्रों के करीब 16 सौ छात्रों को ग्रेस मार्क्स देने का है जोकि परीक्षा में कम समय मिलने के एवज में दिए गए थे।
मेडिकल में दाखिले से जुड़ी नीट (नेशनल एलिजविलिटी कम एंट्रेस एक्जाम) परीक्षा में गड़बड़ी के लग रहे आरोपों के तूल पकड़ने और उसे लेकर तेज हुई सियासत को थामने के लिए सरकार में मोर्चा संभाला है। शिक्षा मंत्रालय और सूचना प्रसारण मंत्रालय के सचिवों के साथ नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के महानिदेशक ने शनिवार को पूरे मामले पर नए सिरे से स्थिति स्पष्ट की और कहा कि नीट परीक्षा में कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है।
उन्होंने कहा कि विवाद सिर्फ छह केंद्रों के करीब 16 सौ छात्रों को ग्रेस मार्क्स देने का है, जिन्हें यह मार्क्स परीक्षा में कम समय दिए जाने के एवज में दिए गए थे। ऐसे में पूरे मामले की नए सिरे से जांच के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के पूर्व अध्यक्ष की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी के गठित की गई है। जो एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी। माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट के बाद ही एनटीए उन्हें ग्रेस मार्क्स जारी रखने या फिर इन सभी छात्रों को फिर से परीक्षा देने जैसा विकल्प दे सकता है।
तय समय पर होगी काउंसलिंग
नीट से जुड़े विवाद पर पत्रकारों से चर्चा में शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा सचिव के. संजय मूर्ति और सूचना प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू के साथ ही नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ( एनटीए ) के महानिदेशक सुबोध सिंह ने बताया कि इस विवाद का काउंसलिंग प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वह अपने तय समय पर होगी।
इसके साथ ही एनटीए महानिदेशक ने नीट में एक साथ 67 छात्रों के 720 मे से 720 अंक पाने पर उठ रहे सवालों पर स्थिति साफ की और कहा कि इनमें से 44 छात्र तो फिजिक्स के एक सवाल के दो सही विकल्प होने के चलते बाद में सभी को उस सवाल के अंक दे दिए जाने और समय कम मिलने के चलते मिले ग्रेस मार्क्स के चलते पूरे अंक दिए गए। इस बीच जिन छह केंद्रों के छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए है, उनमें छत्तीसगढ़ के दो केंद्र बालोद व दंतेवाडा, हरियाणा का बहादुरगढ़, चंडीगढ़, मेघालय और गुजरात के सूरत के एक-एक केंद्र शामिल है।
कम समय के चलते मिला ग्रेस मार्क्स
इन केंद्रों पर गलत प्रश्नपत्र वितरित होने से छात्रों को बाद दूसरा प्रश्न पत्र दिया गया। इसके चलते उन्हें परीक्षा में कम समय मिल पाया। एनटीए डीजी ने बताया कि छात्रों ने परीक्षा खत्म होने के बाद इसकी शिकायत दर्ज करायी। जिसके बाद इसकी जांच की गई और पाया गया कि उनकी शिकायत सही है। ऐसे में छात्रों को हुए इस नुकसान की भरपाई के लिए कमेटी गठित की गई थी, जिसने हाईकोर्ट के पूर्व के फैसले के आधार पर ग्रेस मार्क्स से इस नुकसान की भरपाई करने का सुझाव दिया। बाद में एक तय मानक के तहत इन सभी करीब 16 सौ छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए।
इसके चलते ही कुछ छात्रों के नंबर 718 और 719 भी मिले थे। हालांकि एनटीए ने ग्रेस मार्क्स देने के न्यूनतम और अधिकतम अंक की जानकारी से जुड़े सवाल पर कोई जवाब नहीं दिया। गौरतलब है कि नीट परीक्षा का परिणाम चार जून को ही लोकसभा चुनाव के नतीजों के दिन ही कर दिया गया था। एनटीए ने इसका भी जवाब दिया और कहा कि वह काफी पहले ही नीट परीक्षा परिमाण घोषित करने की तारीखों की ऐलान कर चुके थे। ऐसे में उन्हें तय सयम पर ही घोषित करना ठीक समझा। देरी करने का कोई आधार नहीं था।
23 लाख छात्रों ने दी थी नीट की परीक्षा
नीट-यूजी -2024 में शामिल होने के लिए वैसे तो कुल 24 लाख छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन इनमें से 23 लाख छात्रों ने परीक्षा दी। देश के 571 शहरों और देश के बाहर के 14 शहरों के 4750 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित इस परीक्षा में 13 लाख से अधिक छात्रों ने पात्रता हासिल की है। एनटीए ने सभी परीक्षा केंद्रों को सीसीटीवी कैमरे से लैस किया था।