विभिन्न कारणों से लटकी बिहार की कई सड़क परियोजनाओं को अब रफ्तार मिल सकती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय सड़क एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी के साथ दिल्ली में बिहार की सड़क परियोजनाओं पर अहम बैठक हुई, जिसमें जमीन की अनुपलब्धता संबंधी विवाद को सुलझाया गया।
शीर्ष स्तर पर चर्चा के बारे में गडकरी ने ट्वीट करके जानकारी भी दी है। उन्होंने कहा है कि बिहार में सड़क परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए केंद्र प्रतिबद्ध है। अधिकारियों के स्तर पर अब 8 सितंबर को दिल्ली में फिर बैठक होगी। उस दिन प्रधानमंत्री विशेष पैकेज से संबंधित बिहार की 20 परियोजनाओं को मंजूरी मिल सकती है।
गांधी सेतु के समानांतर पुल की निविदा जल्द निकलेगी
बुधवार की बैठक में पटना में गांधी सेतु के समानांतर चार लेन पुल की निविदा को जितना जल्दी संभव हो सकेगा, निकाला जाएगा। अब इसे कैबिनेट में ले जाने की तैयारी है। पटना में दीदारगंज से एम्स तक सिक्स लेन एलिवेटेड कोरिडोर पर भी लगभग सहमति बन गई है। राज्य सरकार के प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्री ने सकारात्मक विचार करने का आश्वासन दिया है।
इसके अलावा सोन नदी पर बनने वाले पंडुका पुल, कोसी नदी पर फुलौत एवं भेजा के पास प्रस्तावित पुल, मुंगेर-भागलपुर-मिर्जा चौकी राष्ट्रीय उच्च पथ की स्थिति, महेशखूंट-मधेपुरा-पूर्णिया पथ समेत नेशनल हाईवे एवं एनएचएआइ की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में बातचीत हुई।
इन सड़कों की तेज होगी रफ्तार
बिहार में जमीन की शर्तों को लचीला करने से प्रधानमंत्री पैकेज की कई परियोजनाओं पर काम आगे बढ़ेगा। 90 फीसदी जमीन उपलब्धता की शर्त के कारण पटना-कोइलवर, बख्तियारपुर-मोकामा फोर लेन, औंंटा-सिमरिया पुल समेत कई अन्य सड़क परियोजनाओं पर काम शुरू नहीं हो पा रहा था। जबकि इनमें कई कीनिविदा प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है।
अड़चनों को देखते हुए बिहार ने केंद्र से आग्र्रह किया कि एक बार में किसी प्रोजेक्ट के लिए 90 फीसद जमीन का अधिग्रहण संभव नहीं है। समय पर काम शुरू नहीं होने पर लागत भी बढ़ जाती है। ऐसे में शर्त को घटाकर 70 फीसद कर दिया जाए।