नितिन गडकरी बोले- दो साल में अमेरिका, ब्रिटेन जैसा होगा देश का रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर

कई रणनीतिक सुरंगों और पुलों से लेकर 22 ग्रीन एक्सप्रेस-वे के निर्माण में लगा भारत अगले दो साल में इस क्षेत्र में अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे विकसित देशों की कतार में आ जाएगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक साक्षात्कार में यह बात कही है। उन्होंने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर के मामले में एकीकृत रणनीति पर जोर दिया जा रहा है।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी ने कहा, ‘देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टकोण के अनुरूप एकीकृत तरीके से काम किया जा रहा है। नए राजमार्गो का निर्माण करते समय ही ऑप्टिकल फाइबर, ट्रांसमिशन लाइन और गैस पाइपलाइनें बिछाने की रणनीति है।’ उन्होंने कहा कि बिजली मंत्रालय ट्रांसमिशन लाइन के लिए योजना बनाएगा और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ऑप्टिकल फाइबर के लिए अपनी मंजूरी देगा। इसी प्रकार, जो बड़ी सड़कें बन रही हैं, वहां गैस पाइपलाइन बिछाई जा सकती है। प्रस्तावित 22 ग्रीन एक्सप्रेस-वे के साथ ऐसी तैयारी है। इसमें से एक लाख करोड़ रुपये के दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे समेत सात पर काम शुरू हो गया है।

उन्होंने कहा, ‘मुझे भरोसा है कि अगले दो साल में आप एक बदला हुआ भारत देखेंगे। हम अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी में सड़कों, सुरंगों और पुलों के क्षेत्र में जो काम देखते हैं, उसी तरह का काम अपने देश में देखेंगे।’

गडकरी ने कहा कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में कई रणनीतिक सुरंगों और पुलों का निर्माण हो रहा है। इसके अलावा 3.10 लाख करोड़ रुपये की लागत से 22 ग्रीन एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है। इसमें से 7,500 किलोमीटर के एक्सप्रेस-वे एक-दो साल में पूरे करने की योजना है। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश में 8,250 करोड़ रुपये की लागत से चंबल एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए बातचीत अंतिम स्टेज पर पहुंच रही है। यह अपनी तरह की पहली परियोजना है, जिसमें राज्य सरकर के साथ गठजोड़ किया जा रहा है।

सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) की भी जिम्मेदारी संभाल रहे गडकरी ने कहा कि जम्मू कश्मीर में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 2,379 करोड़ रुपये की लागत वाली जेड- मोड़ सुरंग परियोजना लंबे समय से अटकी थी। अब इसे मंजूरी मिल गई है और जल्द ही निर्माण शुरू होने की उम्मीद है। उन्होंने जोजिला सुरंग का भी उल्लेख किया। 1,320 किलोमीटर लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे दिल्ली-मुंबई के बीच सफर 24 घंटे से कम होकर 13 घंटे रह जाएगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऑप्टिकल फाइबर, ट्रांसमिशन लाइन और गैस पाइपलाइन के अलावा राजमार्गो के साथ इंडस्टि्रयल क्लस्टर भी बनाने की योजना है। गडकरी ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण परियोजनाओं के क्रियान्वयन में कुछ बाधाएं आई हैं, लेकिन मंत्रालय इस संकट को अवसर में बदलने में लगा है।

 

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