नाहिदा अर्थात सक्षम, समर्थ और भाग्यशाली। जब्रवान की पहाड़ियों पर ट्रैकिंग करते हुए दस साल की उम्र में कश्मीर की इस बेटी ने अपनी सहेली से कहा था, मेरा सपना है माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई को नापना और इस सपने को मैं पूरा करके रहूंगी। करीब 14 साल बाद इस बेटी ने न सिर्फ एवरेस्ट को फतह कर लिया बल्कि पुरातनपंथियों और जिहादियों के फरमानों के बीच अपने सपनों को उड़ान देने का मौका तलाश रही कश्मीर की बेटियों को भी डर की जंजीरें तोड़ आगे बढ़ने का हौसला दे दिया है।

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