नारदा स्टिंग केस में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और अन्य के खिलाफ CBI कार्यालय पर धरना देने के खिलाफ दाखिल याचिका शीर्ष अदालत ने खारिज कर दी है. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि क्योंकि ये मामला अभी कलकत्ता उच्च न्यायालय में लंबित है, इसलिए वो इसमें दखल नहीं देगी.

नारदा स्टिंग से संबंधित मामले में जब फिरहाद हकीम, मंत्री सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और पूर्व मंत्री सोवन चटर्जी को CBI ने अरेस्ट किया था, तब ममता बनर्जी खुद CBI कार्यालय पहुंच गई थीं और धरने पर बैठ गई थीं. इसी धरने के खिलाफ विप्लव शर्मा ने शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल की थी. इस याचिका को खारिज करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि जब मामला उच्च न्यायालय में है, तो किसी को भी इसमें बीच में कूदने की इजाजत नहीं दे सकते.
बता दें कि पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले नारदा स्टिंग टेप सार्वजनिक किए गए थे. दावा किया गया था कि ये टेप वर्ष 2014 में रिकॉर्ड किए गए थे और इसमें TMC के मंत्री, सांसद और MLA की तरह दिखने वाले व्यक्तियों को कथित रूप से एक काल्पनिक कंपनी के प्रतिनिधियों से कैश लेते दिखाया गया था.
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