आंध्र प्रदेश सरकार ने बुधवार को नई आबकारी नीति लागू करने की घोषणा की है। इसे 1 अक्टूबर से अमल में लाया जाएगा। इसके अलावा विधायी निकायों में पिछड़े वर्गों (बीसी) के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दे दी गई है। साथ ही नायडू मंत्रिमंडल ने राज्य से जुड़े और भी कई अहम फैसले किए हैं।
मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता में आंध्र प्रदेश मंत्रिमंडल ने बुधवार को नई आबकारी नीति और विधायी निकायों में पिछड़े वर्गों (बीसी) के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दे दी।
सचिवालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री के पार्थसारथी ने कहा कि नई आबकारी नीति 1 अक्टूबर से लागू होगी। के पार्थसारथी ने कहा, ‘प्रबंधन दक्षता बढ़ाने के प्रयास के तहत मंत्रिमंडल ने शराब की बिक्री के लिए एक निजी खुदरा प्रणाली अपनाने का फैसला किया है। राज्य में 3,736 खुदरा दुकानों में से 10 प्रतिशत ताड़ी निकालने वाले समुदाय को आवंटित की जाएंगी।’
कई और प्रस्तावों को दी गई मंजूरी
मंत्री के अनुसार, ‘श्री नायडू ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि दक्षिणी राज्य में उचित मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण शराब उपलब्ध हो, जबकि खुदरा आउटलेट लाइसेंस का आवंटन पारदर्शी तरीके से किया जाएगा।’
इसी तरह, कैबिनेट ने विधायी निकायों में पिछड़े वर्गों को 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी और राज्य में एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विश्वविद्यालय और एक कौशल अकादमी स्थापित करने का भी संकल्प लिया।
भोगापुरम हवाई अड्डे का बदला नाम
कैबिनेट ने भोगापुरम हवाई अड्डे का नाम बदलकर अल्लूरी सीतारामाराजू अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा करने और विकासिता आंध्र 2047 विजन डॉक्यूमेंट का नाम बदलकर स्वर्णंध्र विजन डॉक्यूमेंट करने को मंजूरी दी, जिसे 1 नवंबर को जारी किया जाएगा।
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