अच्छा दिखने की चाह. महंगे कपड़े पहनने का शौक. दोस्तों पर रौब जमाने का जुनून. बसी यही वजह थी कि उस नाबालिग छात्र ने मौत का एसा खेल खेला कि सुनने वालों के रोंगटे खड़े हो गए. उस लड़के इसी चाहत ने उसे कातिल बना दिया. उसने जिन लोगों का कत्ल किया वो कोई गैर नहीं बल्कि उसके माता-पिता और भाई थे. ट्रिपल मर्डर की इस वारदात को अंजाम देने के बाद उस नौजवान कातिल ने पांच हजार रुपये का सूट खरीदा और अगले दिन स्कूल की फेयरवेल पार्टी में शामिल हुआ. घटना के बाद 4 दिन तक वो अपने घरवालों की लाश के साथ घर में ही रहा. लेकिन लाशों के सड़ने की बदबू ने इस कत्ल का राज बेपर्दा कर दिया.
ट्रिपल मर्डल की ये खौफनाक वारदात मध्य प्रदेश के सागर जिले की है. नाबालिग आरोपी 12 वीं का छात्र है. वो 24 जनवरी का दिन था. उस दिन उसने मां से 1500 रुपये मांगे तो मां ने इनकार कर दिया. इस बात पर उसे इतना गुस्सा आया कि उसने बिना कुछ सोचे अपनी मां का गला घोंटकर उसे मार डाला. आरोपी के पिता रामगोपाल पटेल रिटायर्ड सेना नायक थे. कुछ देर बाद वो घर पहुंचे. तो पत्नी का हाल देखकर उनके होश उड़ गए.
इससे पहले कि वो पूरा मामला ठीक से समझ पाते, आरोपी बेटा उन्हीं की 12 बोर वाली लाइसेंसी बन्दूक लेकर उनके सामने आ गया. उसने तेज़ आवाज़ में टीवी चला दिया और फिर अपने पिता के पर फायर खोल दिए. उनको दो गोली लगी. कुछ पल में ही उन्होंने दम तोड़ दिया. इसके बाद आरोपी छात्र अपने छोटे भाई आदर्श को कोचिंग से लेकर आया. फिर उसने उसे अपनी करतूत बताई. छोटा भाई ये सब सुनकर रोने लगा तो उसने अपने छोटे भाई को भी नहीं बख्शा और उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी.
कातिल इस बात से बेपरवाह था कि आने वाले वक्त में उसका क्या हश्र होगा. वारदात के दिन ही उसने कुछ खरीदारी भी की. रात में लाशों के साथ वो घर में रहा. सागर के एसपी अमित सांघी ने बताया कि अगले दिन यानी य 25 जनवरी को आरोपी अपने स्कूल पहुंचा और वहां आयोजित फेयरवेल में पार्टी में शामिल हुआ. उस दिन उसने पांच हजार रुपये का सूट पहना था. पार्टी में उसने अपने दोस्तों के साथ जमकर फोटोशूट कराया.
पुलिस अधीक्षक अमित सांघी के मुताबिक पार्टी के अगले दिन यानी 26 जनवरी को वो स्कूल में आयोजित गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में मौजूद रहा. इसी तरह से कत्ल की वारदात को चार दिन बीत चुके थे. तीनों लाशें उसके घर में ही पड़ी रही और आरोपी 4 दिन तक दिन के साथ रहा जबकि रात को दोस्तों के घर पर भी गया. लेकिन 28 जनवरी को एक पड़ोसी ने मकरोनिया थाने को सूचना देते हुए बताया कि घर का ताला बंद है. और वहां से बदबू आ रही है. सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर जा पहुंची.
पुलिस घर का ताला तोड़कर अंदर दाखिल हुई तो कमरे का मंजर देखकर सब हैरान रह गए. सामने तीन लाशें मौजूद थी. मौका-ए-वारदात से पुलिस को एक नोट भी बरामद हुआ. जिसमें लिखा था कि जो किया, उसकी सजा सिर्फ मौत है. पुलिस ने घर की जांच पड़ताल की और तीनों शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए. पुलिस को पता चल गया था कि घर का एक सदस्य गायब है. यानी घर का बड़ा बेटा. पुलिस उसे तलाश कर रही थी. तब तक पुलिस को हत्यारे के बारे में जानकारी नहीं थी.
दरअसल, नाबालिग आरोपी बस से ललितपुर चला गया था. लेकिन जब वह लौटकर आया तो किसी शख्स ने इस बारे में थाने को सूचना दी. पुलिस ने किशोर को हिरासत में ले लिया. जब उससे पूछताछ की गई तो सारा मामला खुलकर सामने आ गया. कातिल ने अपना गुनाह कुबूल कर लिया. इसके बाद नाबालिग को जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया गया. इसी तरह से ट्रिपल मर्डर मिस्ट्री को पुलिस ने आखिरकार सुलझा ही लिया. 1500 रुपये न मिलने की वजह से उस नाबालिग ने अपना पूरा परिवार खत्म कर डाला.
पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी किशोर बुरी संगत में पड़ गया था. वो शराब का सेवन करने लगा था. उसे महंगे कपड़ों का शौक है. इसी वजह से उसने अपनी मां भारती पटेल से 1500 रुपये मांगे थे. जब मां ने पैसे देने से मना किया तो दोनों के बीच विवाद हुआ और आरोपी बेटे ने दुपट्टे से ही अपनी मां का गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी थी. इसके बाद उसने पिता और छोटे भाई का भी मर्डर किया.