नाग पंचमी को हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार माना जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन माह की शुक्ल पक्ष के पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन नागों को नाग देवता के रूप में पूजा जाता है, साथ ही उन्हें दूध का भोग चढ़ाया जाता जाता है। नाग पंचमी का त्यौहार हमारे देश में कई सालों से मनाया जा रह है। जिसमें भक्गन अपार श्रद्धा और विशवास के साथ इस दिन नागों की पूजा कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
ऐसे पूजा कर करें नाग देवता को प्रसन्न
लेकिन क्या आपने कभी कालसर्प दोष के बारे में सुना है? कहा जाता है, जिसकी कुंडली में ये दोष हो, वह कभी तरक्की नहीं कर सकता। इतना ही नहीं, उसे उसकी मेहनत का फल भी कभी नहीं मिलता। आइये आज हम आपको बताते हैं कि किस तरह आप नाग पंचमी के दिन नाग देवता को प्रसन्न कर इस दोष से मुक्ति पा सकते हैं।
अपने घर में कोयले या गोबर और शुद्ध घी के इस्तेमाल से नाग देवता की छवि बनाएं। इसके बाद विधिवत पूजा कर नाग देवता को भोग चढ़ें। ऐसा करने से आपकी पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है।
इसके अलावा जो लोग कालसर्प योग से प्रभावित हों, उनके लिए त्र्यम्बकेश्वर जाकर कालसर्प दोष की पूजा करवाना शुभ फलदायी रहता है। घी के नाग बनाकर पूजन किया जाए, तब दोष कम किए जा सकते हैं।
जब आप घर में नाग देवता की पूजा कर रहे हों, तो पूजन में पुष्प, कंकू, अक्षत आदि लेकर घी से बने नाग की पूजा कर दाल-बाटी व लड्डू-चूरमे का भोग लगाएं व मन से प्रार्थना करें।
इसके आलावा नाग देवता के 9 नामोंवाले इस मंत्र का जाप भी करें-
अनंतम वासुकिम शेषं पद्मनाभं च कम्बलम | शंखपालं धार्त्राष्ट्रम तक्षकं कालियम तथा ||
एतानि नवनामानि नागानां च महात्मनाम | सायंकाले पठेन्नित्यं प्रातः काले विशेषतः ||
तस्मै विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत् ||