नागपंचमी : जानिए सांपो से जुड़ें चौकाने वाले सच

आम जनधारणा के अनुसार सांप को बहुत ही खतरनाक जीव माना जाता है और देखते ही उसका वध कर दिया जाता है. इसी कारण से सांप की कई विशेष प्रजातियां दुनिया से लुप्त होने की कगार पर आ गई है. वैज्ञानिक की माने तो सांप मनुष्य का शत्रु नहीं बल्कि मित्र है, क्योंकि यह अनाज को बर्बाद करने वाले जीवो और चूहों को अपने आहार के रूप में खाता है. नागपंचमी के इस पावन पर्व पर हम आपको सांपों से जुड़ी ऐसी आश्चर्यजनक बातें बताने जा रहे है जो आमतौर पर लोग को नहीं पता रहती. यह बातें इस प्रकार हैं…

 

1. सांप के मुंह में मनुष्य से कई ज्यादा लगभग 200 दांत होते हैं, लेकिन सांप के यह दांत शिकार को पकड़ने के लिए होते हैं न कि उसे चबाने या खाने के लिए. सांप के निचले जबड़े में दो पंक्तियों में कतारबद्ध दांत सुई के समान नुकीले गले में अंदर की ओर मुड़े होते हैं.

2. सांपों की आंखों पर अन्य जीवो की तरह पलकें नहीं होती. इसलिए उनकी आंखें हमेशा खुली रहने का अहसास होता है. इसी के कारण यह अनुमान लगाया जाता है कि सांप आंखों से सुन सकते हैं और संस्कृत में सांपों को चक्षुश्रवा यानी आंखों से सुनने वाला जीव बताया गया है.

3. दुनिया में सांपों की 13 जातियां पाई जाती हैं, इनकी लगभग 2, 744 प्रजातियां दुनिया के हर कोनो में फैली हुई हैं. वहीं सांपों की 10 जातियां भारत में पाई जाती हैं. इनकी लगभग 270 प्रजातियां अब तक देखी गई हैं. आधिकारिक तौर पर लगभग 244 प्रजातियों के सांपों की जानकारी उपलब्ध है.

4. जब सांप किसी का शिकार करता है तो शिकार को पकड़ने के दौरान सांप के मुंह में खूब लार पैदा होती है, जिससे शिकार का मुंह में फंसा हिस्सा पूरी तरह गीला होकर चिकना और फिसलन भरा हो जाता है और सांप के लिए उसे निगलना आसान हो जाता है.

5. हर प्रजाति के सांपो के भोजन का समय भी अलग-अलग होता है. आमतौर पर एक छोटा सांप 3-4 दिन में एक बार शिकार करता है, लेकिन बड़े सांप कुछ सप्ताह में एक बार शिकार करते है. बल्कि अजगर जैसे बड़े सांप तो कई महीनों तक बिना खाए भी रह सकते हैं.

6. सांपों का दिल लंबाई लिए होता है. हालांकि यह फेफड़ों या किडनी जितना नहीं होता. सांपों के दिल में तीन कक्ष होते हैं, जबकि स्तनपाइयों और पक्षियों में यह चार कक्षों वाला होता है.

7. स्तनपाई जीवों की तरह सांपों में बाहरी कान नहीं होते न ही कान के गड्ढे व परदे होते हैं. इनके अभाव में एक खास हड्डी (क्वाडे्रट बोन) होती है, जो कि सिर से जुड़ी होती है, और इसी से वह ध्वनि ग्रहण करते है.

8. सांप हवा में बहती ध्वनि तरंगों को नहीं सुन सकते हैं. लेकिन धरती की सतह से निकले वाली कंपनों के प्रति सांप संवेदनशील होते हैं. धरती की सतह से निकल रहे कंपनों को सांप अपने निचले जबड़े की सहायता से महसूस कर सकते हैं.

9. रीढ़धारी प्राणियों में त्वचा की ऊपरी परत समय-समय पर मृत हो जाती है तथा इनकी वृद्धि व विकास के साथ-साथ इस मृत त्वचा का स्थान नई त्वचा ले लेती है. इसी प्रकार एक निश्चित समय अंतराल के बाद सांप भी अपनी बाह्य त्वचा की पूरी परत उतार देता है. इसे ही केंचुली उतारना कहते हैं. धार्मिक कथाओं के अनुसार, सांप का केंचुली उतारना दैवीय स्वरूप का सूचक होकर उसके रूप परिवर्तन कर लेने संबंधी क्रिया के एक आवश्यक अंग है. माना जाता है कि केंचुली उतारकर सांप की उम्र बढ़ जाती है और अमरता प्राप्त कर जन्म-मरण के चक्र से छुट जाते हैं.

10. सांप की त्वचा अन्य जीवधारियों की अपेक्षा स्वाभाविक रूप से सूखी और शुष्क होकर जलरोधी आवरण (वाटरप्रूफ कोट) वाली होती है और उसकी अलग अलग प्रजाति के अनुसार चिकनी या खुरदुरी भी हो सकती है.

11. सांपो की त्वचा में आई किसी प्रकार की खराबी या नुकसान सांप को जल्दी केंचुली उतारने के लिए मजबूर कर देती है. केंचुली उतारने से सांप के शरीर की सफाई हो जाती है, दूसरी ओर त्वचा में फैल रहे संक्रमण से भी उसे छुटकारा मिल जाता है.

12. केंचुली उतारने के करीब एक सप्ताह पहले से सांप के शरीर में सुस्ती आ जाती है और वह किसी एकांत स्थान पर चला जाता है. इस समय लिम्फेटिक नामक द्रव्य के कारण सांप की आंखें दूधिया सफेद होकर अपारदर्शक हो जाती है। इस अवस्था में ये भोजन भी नहीं करते.

13. केंचुली उतारने से 24 घंटे के पहले सांप की आंखों पर जमा लिम्फेटिक द्रव्य अवशोषित हो जाता है जिससे उससे साफ दिखाई देने लगता है. केंचुली उतारने के बाद प्राप्त नई त्वचा चिकनी और चमकदार होती है. इसलिए इस समय सांप बहुत ही चुस्त और आकर्षक दिखाई देता है.

14. सांप की विभिन प्रजातिया अपने जीवनकाल में कितनी बार केंचुली उतारती है, इस सवाल का उत्तर कई बातों पर निर्भर करता है जैसे- सांप की उम्र, सेहत, प्राकृतिक आवास, तापमान और आद्रता आदि. सामान्यतः धामन सांप एक साल में 3-4 बार केंचुली उतारता है, वहीं अजगर और माटी का सांप साल में एक ही बार केंचुली उतारते हैं.

15. केंचुली पर सांप का रंग नहीं दिखाई देता है, क्योंकि रंगों का निर्माण करने वाली पिगमेंट कोशिका सांप के साथ ही होती है.

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com