कभी-कभार आने वाले डरावने सपने सामान्य बात हैं, मगर यदि यह नियमित सिलसिला बन जाए, तो इसे विकार माना जाता है, जिसका उपचार जरूरी है।
सपने सब देखते हैं, भले ही कुछ लोगों को जागने पर ये याद न रहते हों। नींद की अवस्था में हमारा मस्तिष्क जो वैकल्पिक यथार्थ या काल्पनिक फिल्म रचकर प्रदर्शित कर देता है, उसी को हम सपना कहते हैं। मसाला फिल्मों की ही तरह हमारे सपनों मंे एक्शन, इमोशन, रोमांस, कॉमेडी आदि सारे तत्व मौजूद रहते हैं- कुछ कम, तो कुछ ज्यादा। कभी-कभी ये सपने हॉरर फिल्म के रूप में भी सामने आते हैं। इन्हें हम डरावना सपना, बुरा सपना, नाइटमेयर या दु:स्वप्न कहते हैं। बच्चों को डरावने सपने आना आम बात है, जिसके कारण वे रोते हुए जाग जाते हैं। मगर ऐसा नहीं है कि वयस्कों को डरावने या बुरे सपने नहीं आते।
यदा-कदा ऐसे सपने हर किसी को आते हैं। डर के मारे आपकी नींद टूट जाती है, आप हड़बड़ाकर उठ बैठते हैं, ध्ाड़कन व सांस तेज चलती हुई महसूस होती है। फिर, आपको एहसास होता है कि यह तो महज एक सपना था…। तब ध्ाीरे-ध्ाीरे आप सामान्य होने लगते हैं। मगर जब यह एक नियमित सिलसिला बन जाए, बार-बार डरावने सपने के कारण आपकी नींद टूट जाए, इन सपनों के खौफ के कारण आप सोने से ही कतराने लगें, तो इसे मानसिक विकार माना जाता है, जिसे उपचार की जरूरत होती है। इसे नाइटमेयर डिसऑर्डर या पैरासोम्निया कहते हैं।
* नाइटमेयर डिसऑर्डर के कारण
इस डिसऑर्डर के कई कारण हो सकते हैं। एक प्रमुख कारण तो जीवन में हुई कोई त्रासद घटना ही हो सकती है। किसी वजह से यदि आप लगातार तनाव या डिप्रेशन में हैं या फिर व्यग्र हैं, तो भी आपको नियमित रूप से बुरे सपने आ सकते हैं। शराब या ड्रग्स का सेवन भी दु:स्वप्नों का कारण बन सकता है, वहीं इनकी लत छुड़ाने की प्रक्रिया के दौरान भी ऐसे सपने आ सकते हैं। इसी प्रकार किन्हीं दवाइयों के सेवन से या फिर इनका सेवन अचानक बंद कर देने से भी नाइटमेयर डिसऑर्डर की स्थिति बन सकती है।
स्लीप एप्निया (नींद के दौरान सांस लेने में परेशानी से जुड़ी समस्या) से ग्रस्त लोग भी नियमित रूप से डरावने सपनों के शिकार हो सकते हैं। कई बार लगातार पर्याप्त नींद से वंचित रहने वाला व्यक्ति जब सोता है, तो ऐसे सपनों का शिकार हो जाता है। इसके अलावा नियमित रूप से डरावनी फिल्में देखने या डरावनी कहानी-उपन्यास पढ़ने वाले लोगों को भी ऐसे सपने आ सकते हैं। सोने से ठीक पहले भारी भोजन करना भी इसका कारण बन सकता है।
* पहचान और उपचार
यदि सप्ताह में एक से अध्ािक बार डरावने सपने आएं, यह सिलसिला लगातार बना रहे और इसके कारण आपकी नींद बार-बार बाध्ाित हो तथा दोबारा नींद आना मुश्किल हो जाए, तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए। डॉक्टर पॉलीसोम्नोग्राफी नामक टेस्ट कराने को कह सकते हैं, जिसमें नींद के दौरान हृदय गति, मस्तिष्क तरंगों, ऑक्सीजन के स्तर, सांसों तथा आंखों व टांगों की हरकतों को रेकॉर्ड करने के लिए शरीर के विभिन्ना हिस्सों में सेंसर लगाए जाते हैं। इस टेस्ट के परिणाम के आध्ाार पर डॉक्टर उपचार तय कर सकते हैं।
यदि डरावने सपनों का कारण तनाव या डिप्रेशन है, तो उसका उपचार किया जाता है। यदि किसी दवाई के साइड इफेक्ट के कारण ऐसा हो रहा है, तो डॉक्टर वैकल्पिक दवाई बता सकते हैं। नशीले पदार्थ यदि कारण है, तो उनका सेवन बंद करने से दु:स्वप्नों की समस्या भी दूर हो सकती है। कुछ दुर्लभ मामलों में नाइटमेयर डिसऑर्डर को दूर करने के लिए दवाइयां भी दी जा सकती हैं।