पंजाब में नशे को लेकर पहले से ही सियासी दलों के बीच जुबानी जंग रही है। विपक्ष हर बार सरकार को घेरते आए हैं। इस बार भी यही हो रहा है। नशे को लेकर एक बार फिर से सता पक्ष और विपक्ष के बीच वर्ड वॉर शुरू हो गई है।
पंजाब सरकार के युद्ध नशे के विरुद्ध कार्यक्रम पर लगातार विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवालों पर कैबिनेट सब कमेटी के चेयरमैन वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा ने अकाली और कांग्रेसियों पर निशाना साधा। कहा कि पंजाब में नशे के लिए अकाली और कांग्रेस की सरकारें जिम्मेदार हैं। लगता है अकाली और कांग्रेसी विधायकों का डोप टेस्ट कराना पड़ेगा। दरअसल वित्तमंत्री से कांग्रेस के कुछ नेताओं ने किसानों को अफीम की खेती की मंजूरी देकर उनकी आय बढ़ाने की पैरवी की बात कही थी। इस पर चीमा ने अकाली और कांग्रेस की पूर्व सरकारों को कठघरे में खड़ा किया।
वित्तमंत्री चीमा के डोप टेस्ट के बयान पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने पलटवार किया। कहा कि वह डोप टेस्ट कराने के लिए तैयार हैं, बशर्ते वित्तमंत्री भी उनके साथ डोप टेस्ट करवाएं। वड़िंग ने कहा कि नेकी और पूछ-पूछ। उन्होंने कहा कि चीमा सरकार में हैं। उन्हें विधानसभा में प्रस्ताव लाकर सभी विधायकों का डोप टेस्ट जरूरी कर देना चाहिए ताकि यह पता चल सके कि कौन-कौन लोग शराब, अफीम या अन्य नशे का सेवन करते हैं।
जहरीली शराब कांड में अकालियों से जुड़े लोग शामिल
मीडिया से बातचीत में बीते दिनों जहरीली शराब पीने से 21 लोगों की मौत होने के मामले पर वित्तमंत्री ने कहा कि उनके हाथ ऐसे वीडियो और सबूत हाथ लगे हैं, जोकि यह बताते हैं कि जहरीली शराबकांड के आरोपियों में अकाली नेताओं से जुड़े लोग इसमें शामिल है। कई अकाली नेताओं के भतीजे व भाई सरकारी टैंकरों से मेथेनॉल चोरी के मामले में भी पकड़े गए हैं।
जाखड़ अब अकाली दल का प्रधान बनने की सोच रहे
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ के बीते रोज एक कार्यक्रम में शिरोमणि अकाली दल के एकजुट होने को लेकर दिए बयान के सवाल पर वित्तमंत्री ने तंज कसा। कहा कि जाखड़ पहले कांग्रेस में प्रधान थे। फिर वह भाजपा के प्रधान बन गए। उन्होंने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रखा है। अब लगता है कि वह शिअद के प्रधान बनना चाहते हैं। अकाली दल का प्रधान बनकर शायद वह दोबारा एकजुट होकर चुनाव लड़ने की तैयारी में हों।