पंडित प्रेम कुमार कौशिक ने बताया कि कलश स्थापना के लिये स्नानादि कर पूजा स्थल को शुद्ध कर लें। इसके बाद लकड़ी के एक आसन पर लाल रंग का वस्त्र बिछायें। वस्त्र पर श्री गणेश जी का स्मरण करते हुए थोड़े चावल रखें।
अब मिट्टी की वेदी बनाकर उस पर जौ बोएं, फिर इस पर जल से भरा मिट्टी, सोने या तांबे का कलश स्थापित करें। कलश के मुख पर रक्षा सूत्र भी बांधना चाहिये, साथ ही कलश में सुपारी, सिक्का डालकर आम या अशोक के पत्ते रखने चाहिये।
एक नारियल लेकर उस पर चुनरी लपेटें व रक्षासूत्र से बांध दें। अंत में दीप जलाकर कलश की पूजा करें। कलश की पूजा के बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ भी करना चाहिए।