बेतला नेशनल पार्क, झारखंड के लातेहर और पलामू जिले में स्थित है। 980 वर्ग किमी में फैला हुआ ये नेशनल पार्क 1974 में स्थापित भारत के सबसे पुराने टाईगर रिजर्व में से एक है जिसे पहले पलामू टाईगर रिजर्व के नाम से जाना जाता था। यहां बड़ी संख्या में बाघ, तेंदुआ, जंगली भालू, बंदर, सांभर, नीलगाय, मोर और चीतल आदि जानवर पाए जाते हैं।
बेतला नेशनल पार्क की खासियत
बेतला नेशनल पार्क में पौधों की 970 प्रजातियां, घासों की 17, पक्षियों की 174, 49 तरह के स्तनधारी और 180 प्रकार के औषधीय पौधे मौजूद हैं। साल, पलाश, महुआ, आंवला, आम और बांस पलामू की खास वनस्पतियां हैं। जो जंगल में रहने वाले हाथियों, गौर और भी कई जानवरों का भोजन है। इसके अलावा छोटे जीवधारियों की तो यहां इतनी जातियां है जिन्हें गिन पाना बहुत ही मुश्किल है। गौर, चीतल, हाथी, टाइगर, पैंथर, स्लोथ, जंगली भालू, सांबर, नीलगाय, काकर को देख पाना आम है।
डोगरा चील, तीतर, लाल जंगली मुर्गी, मोर, छपका, उल्लू, बगुले, दूधराज, धनेश, किलकिला और कोयल जैसे खूबसूरत पक्षियों को यहां चहलकदमी करते हुए देखा जा सकता है। पलामू के जंगलों में खतरनाक और विषैले सांप भी होते हैं जैसे करैत, नाग और दबोइया। और तो और 10 मीटर की लंबाई वाला अजगर भी यहां मौजूद है।
पार्क के अंदर 16वीं शताब्दी का एक किला भी बना हुआ है, जो यहां के खास ऐतिहासिक धरोहरों में शामिल है। यहां से कोयल और बरहा नदी गुजरती है जो आगे जाकर सोन नदी में मिल जाती है।
आसपास घूमने वाली जगहें
बेतला नेशनल पार्क आकर पलामू किला, तलाहा गर्म झरना, मिरचइया झरना, सुगा बांध, लोध झरना, मंडल बांध और बरवाडिह शिव मंदिर दूसरी घूमने वाली अच्छी जगहें हैं।
कब जाएं
बेतला नेशनल पार्क घूमने के लिए नवंबर से मार्च का महीना बिल्कुल परफेक्ट है। जब आप यहां मौजूद ज्यादातर जीव-जंतुओं को देख सकते हैं।
कैसे पहुंचे
हवाई मार्ग-रांची का बिरसा मुंडा हवाई अड्डा बेतला से 161 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जहां से टैक्सी लेकर आप इस जगह तक पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग- डाल्टेनगंज यहां का नज़दीकी रेलवे स्टेशन है जो बेतला से 25 किलोमीटर दूर है।
सड़क मार्ग- रांची से बेतला के लिए लगातार राज्य परिवहन निगम की बसें अवेलेबल हैं।