जब आत्मा अपने शरीर छोड़ चुकी होती है वह यमदूत के डर से वापस तो जाना चाहती है मगर यमदूत उसे अपने शरीर में दोबारा प्रवेश करने नहीं देते।
पापी आत्मा और शुद्ध आत्मा
आत्मा यमदूतों से ही बहुत डर जाती है और वह अपने शरीर में दुबारा आना चाहती है मगर ऐसा नहीं हो पाता। ऐसा सिर्फ उन आत्माओं के साथ होता है जो पापी होती हैं जिन्होंने सिर्फ सिर्फ जिंदगी में उल्टे काम किए होते हैं। कभी दान पुण्य का काम नहीं किया होता। जो साफ आत्मा होती है वह समझ जाती है कि मुझे मुक्ति मिलने वाली है। अथवा उसे शरीर में वापस जाने का भय नहीं होता।
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यमदूत पापी आत्मा से बोलते हैं यह सारी बातें
यमलोक में जाते समय यमदूत दुष्ट आत्मा को बार-बार नर्क का भय दिलाते रहते हैं। वह दुष्ट आत्मा को डांटते हुए कहते हैं- दुष्टात्मन् तू शीघ्र चल। तुझे यमराज के घर जाना है। शीघ्र ही हम तुम्हें कुंभीपाक नरक में ले जायेंगे। यह सब बातें बताकर उसे बहुत डराया जाता है और आत्मा खूब रोते या रुलाते हुए यमलोक पहुंचाई जाती है।