धीरे-धीरे प्रदूषण की चादर हो रही मोटी, दिल्ली-एनसीआर के लिए 24 घंटे होंगे मुश्किल भरे

दिवाली में करीब एक सप्ताह बाकी है, लेकिन दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण की चादर अभी से मोटी होने लगी है। दिल्ली की स्थिति तो खराब है ही, लेकिन इससे भी खराब हालत एनसीआर क्षेत्र की हो रही है। मंगलवार की सुबह दिल्ली-एनसीआर के आसमान में प्रदूषण का असर साफ नजर आया। जगह-जगह धुएं व धूल का गुबार नजर आ रहा है।

वहीं, एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के आकड़ों के मुताबिक, मंगलवार सुबह दिल्ली के लोधी रोड इलाके में पीएम 2.5 का स्तर 280, जबकि पीएम 10 का स्तर भी 280 रहा जो बेहद निचले स्तर का माना जाता है।

इससे पहले सोमवार को भी दिल्ली का एयर इंडेक्स 367 अंक रहा, जबकि सबसे खराब स्थिति गाजियाबाद की रही, जहां एयर इंडेक्स लगातार खतरनाक स्तर का बना हुआ है। तीसरे दिन भी यहां एयर इंडेक्स 430 बना रहा।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की एयर बुलेटिन के अनुसार, सोमवार को दिल्ली का एयर इंडेक्स 367, फरीदाबाद का 358, गाजियाबाद का 430, ग्रेटर नोएडा का 385, गुरुग्राम का 389 और नोएडा का 374 रहा। दिल्ली के भी कई क्षेत्रों का प्रदूषण खतरनाक स्थिति में बना हुआ है।

सोमवार सुबह के समय हवा की गति आठ से 10 किलोमीटर तक पहुंची थी। इसकी वजह से प्रदूषण कुछ कम भी हुआ था, लेकिन दोपहर के समय एक बार फिर प्रदूषण बढ़ने लगा। सफर इंडिया के पूर्वानुमान के अनुसार, अगले 24 घटे के दौरान वायु प्रदूषण का स्तर काफी अधिक बढ़ सकता है। इसकी वजह पराली के धुएं के साथ गिरता तापमान भी है।

मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार को दिल्ली का तापमान महज 31.1 डिग्री सेल्सियस रहा। न्यूनतम तापमान भी 15.5 डिग्री सेल्सियस रहा। हवा में नमी का स्तर 36 से 89 फीसद जबकि गति चार से पांच किलोमीटर प्रति घटे रही।

इस वजह से प्रदूषक तत्व दिल्ली एनसीआर की निचली सतह पर जमे हुए हैं। मौसम विभाग के अनुसार, अगले तीन दिनों तक दिल्ली में स्मॉग देखने को मिलेगा। एक से 10 नवंबर तक के लिए पहले ही ईपीसीए दिल्ली को ही हाई अलर्ट कर चुका है।

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, अगले दो दिनों तक दिल्ली का एयर इंडेक्स 350 से अधिक ही रहेगा। प्रदूषण का मुख्य कारण पीएम 2.5 की मात्रा में तेजी से इजाफा है। वहीं हवा की दिशा बदलकर उत्तर पश्चिमी हो गई है जिससे पराली जलाने का असर दिल्ली पर पड़ रहा है। 

सोमवार को दिल्ली के विभिन्न इलाकों का एयर इंडेक्स

आनंद विहार 446

अशोक विहार 422

आया नगर 328

बवाना 426

मथुरा रोड 415

डीटीयू 408

कर्णी सिंह शूटिंग रेंज 331

द्वारका सेक्टर-8 379

एयरपोर्ट टी-3 307

जहांगीर पुरी 427

मंदिर मार्ग 375

सीरीफोर्ट 347

आइटीओ 380

मुंडका 444

नरेला 426

सोनिया विहार 384

शादीपुर 379

रोहिणी 445

एनएसआइटी द्वारका 342

आरके पुरम 372

नार्थ कैंपस 386

नेशनल स्टेडियम 369

विवेक विहार 402

पंजाबी बाग 430

पटपड़गंज 362

ओखला फेज-2 368

नेहरू नगर 392

नजफगढ़ 341

पूसा 370 नेहरू

स्टेडियम 362

अरविंदो मार्ग 336

केंद्र सरकार, पंजाब और हरियाणा हैं दोषी: केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के लिए केंद्र, हरियाणा एवं पंजाब की सरकारों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने आरोप लगाया लगाया कि आम आदमी पार्टी सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद ये सरकारें कुछ भी करने को तैयार नहीं हैं। केजरीवाल ने सोमवार को ट्वीट किया, दिल्ली में प्रदूषण पूरे वर्ष नियंत्रण में रहा, लेकिन प्रतिवर्ष इस समय (सर्दी) दिल्ली को केंद्र एवं हरियाणा की भाजपा तथा पंजाब की कांग्रेस सरकारों के चलते गंभीर प्रदूषण का सामना करना पड़ता है। हमारे सभी प्रयासों के बावजूद वे कुछ भी करने को तैयार नहीं हैं। इन दोनों राज्यों के किसान भी अपनी सरकारों से तंग आ चुके हैं।

घटीं हैं पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं, फिर भी बढ़ा प्रदूषण
वहीं, पटियाला से खबर आ रही है कि दिल्ली में बढ़ रहे हवा के प्रदूषण के लिए पंजाब में पराली जलाने के दावों पर भी सवाल उठ रहा है। क्योंकि कृषि विभाग के अनुसार पंजाब में इस वर्ष अब तक पराली जलाने की घटनाओं में करीब 61 फीसद तक की कमी दर्ज की गई है। वहीं, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अनुसार यह कमी 72 फीसद है। पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के साइंटिफिक अफसर डॉ. चरणजीत सिंह ने कहा कि निश्चित रूप से इस साल पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है। ऐसे में दिल्ली में इन दिनों वायु प्रदूषण बढ़ने के लिए पंजाब को जिम्मेदार ठहराए जाने के दावों पर सवाल उठना लाजमी है।

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