शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। मां लक्ष्मी धन की देवी हैं। इनकी पूजा से घर में धन-धान्य, वैभव और सुख-समृद्धि आती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जिन लोगों पर मां लक्ष्मी की कृपा दृष्टि रहती है उनका जीवन सुखमय हो जाता है। शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा के साथ भगवान विष्णु की पूजा भी करनी चाहिए।

लक्ष्मी को पुष्प अर्पित करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां लक्ष्मी को कमल का फूल अर्पित करना चाहिए। मां लक्ष्मी की पूजा में गुलाबी रंग के फूलों का इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है।
भोग लगाने से मां प्रसन्न होती हैं और सभी मनोकामनाओं को पूरा करती हैं। आप इच्छानुसार मां लक्ष्मी को सात्विक भोजन का भोग लगा सकते हैं। भोग में कुछ मीठा भी शामिल करें। अगर संभव हो तो मां को हलवा, खीर का भोग भी लगाएं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, देवी अष्ट लक्ष्मी की प्रतिमा को भी गुलाबी रंग पर रखना चाहिए। साथ ही मां की प्रतिमा के साथ श्रीयंत्र भी जरूर रखना चाहिए। पूजा की थाल में गाय के घी के 8 दीपक भी जलाएं और गुलाब के सुगंध वाली धूपबत्ती जलाकर मां को मावे की वर्फी का भोग लागएं।
पूजा में रखे गए 8 दीपकों को घर की आठ दिशाओं में रख दें। वहीं कमल गट्टे की माला को तिजोरी में रख दें। पूजा में जाने अंजाने में हुई भूल की क्षमा मांगे और माता से विनती करें कि वह आपके ऊपर अपनी कृपा दृष्टि सदैव बनाए रखें और आपके जीवन में सुख-समृद्धि, धन व ऐश्वर्य की वृद्धि करें।
मां लक्ष्मी पूजन के समय श्रीयंत्र और अष्टलक्ष्मी की प्रतिमा पर अष्ट गंध से ही तिलक करना चाहिए। इसके बाद कमल गट्टे की माला से ऐं ह्रीं श्रीं अष्टलक्ष्मीयै ह्रीं सिद्धये मम गृहे आगच्छागच्छ नमः स्वाहा। मंत्र को पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ 108 बार जपना चाहिए।
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