पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि सरकार देश में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, हमारा प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन विश्व औसत से कम है। उन्होंने यह बात दिल्ली में आयोजित तीसरे भारत ऊर्जा मंच (3rd India Energy Forum) में कही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार वादा करती है कि हम आने वाले समय में देश में कार्बन अर्थव्यवस्था को कम करने की पूरी कोशिश करेंगे। फिलहाल भारत इस मामले में विश्व औसत में काफी पीछे है खासतौर से आर्थिक सहयोग और विकास संगठन देशों (Organistation for Economic Cooperation & Development-OECD) के मुकाबले भारत में कार्बन उत्सर्जन अधिक है।
इससे पहले रविवार को केंद्रीय मंत्री ने सरावीक सम्मेलन वैश्विक ऊर्जा कंपनियों से भारत में निवेश का करने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार स्थिर नीति और बेहतर विनामकीय प्रशासन मुहैया करवाएगी। उन्होंने आगे कहा कि सरकार 2022 के नए भारत के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रही है।
इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत आने वाल सालों में वैश्विक ऊर्जा की मांग को बनाए रखने वाला प्रमुख देश बना रहेगा। भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और ऊर्ज उत्पादन मामले में अमेरिका एवं चीन के बाद तीसरा सबसे बड़ा देश है। प्रधान ने कहा कि मैं वैश्विक उद्योगों को आमंत्रित करते हुए आग्रह करता हूं कि वह हमारी प्रगति में हमारे साथी बनें। उन्होंने कहा कि एडनॉक, सैल, रोजनेफ्ट, सऊदी अरामको, बीपी, टोटल और एक्सॉनमोबिल जैसी कंपनियां यहां अपना कारोबार कर रही हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी बढ़ाने का लक्ष्य को पूरा करने के लिए भारत गैस आपूर्ति और वितरण ढ़ांचे को विकसित करने के लिए 60 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश कर रहा है। 2030 तक देश में ऊर्जा उपभोग में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी दोगुनी करके 15 फीसद तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।