महाभारत काल में होने वाले विदुर के बारे में आप सभी जानते ही होंगे. विदुर को बहुत ही विद्वान कहा जाता है. आप सभी को हम यह भी बता दें कि विदुर हस्तिनापुर के प्रधानमंत्री और कौरवों व पांडवों के काका थे. वहीँ वह राजा पुत्र थे लेकिन फिर भी उन्हें राजकाज नहीं दिया गया था. जी दरअसल उनका जन्म ऋषि वेदव्यास के आशीर्वाद से एक दासी के गर्भ से हुआ था लेकिन ऋषि वेदव्यास के आशीर्वाद के कारण वह बड़े विद्वान और बुद्धिमान थे.

ऐसे में आप सभी आज उनकी बातों को विदुर नीति में पढ़ सकते हैं. जी दरअसल विदुर नीति में कई अच्छी बातें बताई गई हैं. ऐसे में आप सभी को हम यह भी बता दें कि विदुर नीति के मुताबिक धन का सही प्रबंधन और सही तरह से निवेश करना बहुत जरूरी हैं. जी दरअसल यदि धन का प्रबंधन सही तरह से किया जाए और इसी के साथ उसका सही से निवेश करें तो बड़ा लाभ मिलता है. इसके अलावा धन में बढ़त सम्भव होती है. इसी के साथ विदुर नीति के अनुसार अच्छे या मंगल काम किये जाए तो घर में लक्ष्मी का वास होता है. इसी वजह से व्यक्ति को हमेशा ईमानदारी और मेहनत से काम करना चाहिए.
इसी के साथ कहते हैं धन का संतुलन बनाने के लिए आय और व्यय सही तरह से करें तो ही सब कुछ सही हो पाता है. इसके अलावा इससे धन की बचत होती हैं. ध्यान रहे विदुर नीति में लिखा है धन का बचाव तभी हो सकता है जब मानसिक, शारीरिक और वैचारिक संयम रखा जाए. यानि धन का गलत तरह से व्यय ना करें.
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