दीपावाली के अवसर पर पंचोत्सव मानाने की परंपरा है। इसमें पांच दिन तक एक के बाद एक पर्व मनाये जाते हैं। इन पर्वों में सबसे पहला नाम धनतेरस का आता है, उसके बाद नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवेर्धन पूजा और अंत में भैया दूज मनाया जाता है। माना जाता है देवी लक्ष्मी की तरह ही भगवान धनवंतरि भी सागर मंथन से उत्पन्न हुए थे। उनके हाथ में अमृत कलश था, इसलिए इस दिन बर्तन आदि खरीदने की परंपरा बनाई गई है।
धनतेरस के दिन लोग सोने चांदी के बर्तन, सिक्के और आभूषण आदि खरीदते हैं। इसके अलावा भी ऐसी बहुत सी चीजें हैं, जिन्हे धनतेरस पर खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। वहीं, कुछ चीजों को खरीदना शुभ नहीं होता है। जानिए किन चीजों को आपको धनतेरस में खरीदना चाहिए और किन चीजों को खरीदने से बचना चाहिए।
इन चीजों को खरीदें
धनतेरस के दिन घर में दक्षिणा वर्ती शंख लाना भी शुभ माना जाता है। कहा जाता है इस शंख से देवी लक्षणी अत्यंत प्रसन्न होती है और घर में प्रवेश करती है। रुद्राक्ष की माला खरीदना भी शुभ होता है।
नए बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। इस दिन चांदी के बर्तन खरीदने की भी प्रथा है। लोगों का मानना है चांदी चन्द्रमा का प्रतीक है, जो शीतलता प्रदान करता है। सोने-चांदी के बर्तन और सिक्के आदि भी खरीदे जाते हैं। बहुत से लोग इस दिन गणेश लक्ष्मी जी की मूर्ति भी खरीदते हैं, जिनकी पूजा दिवाली के दिन की जाती है।
वर्तमान में धनतेरस के दिन वाहन आदि खरीदना भी शुभ मानते हैं। लेकिन मान्यताओं के मुताबिक, अगर आपको धनतेरस के दिन कार घर लानी है तो उसका भुगतान एक दिन पहले कर लें, धनतेरस के दिन नहीं। इसके अतिरिक्त अन्य इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं जैसे मोबाईल, कंप्यूटर और बिजली के उपकरण भी धनतेरस के दिन खरीदना शुभ माना जाता है।
स्फटिक का श्रीयंत्र घर लाने से लक्ष्मी घर की ओर आकर्षित होती हैं। इसलिए धनतेरस के दिन स्फटिक का श्रीयंत्र घर लाएं और दीपावली की सांय को इसे लक्ष्मी पूजन स्थल पर रखकर इसकी पूजा करें। पूजा के बाद इस श्रीयंत्र को केसरिया कपड़े में बांधकर तिजोरी या धन स्थान पर रख दें, इससे सदा वहां बरकत बनी रहेगी।
झाडू को लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। दीपावली के मौके पर नई झाड़ू को घर लाएं। इससे नकारात्मक शक्तियां घर से बाहर जाएंगी और साफ सुथरे घर में लक्ष्मी का आगमन होगा।
इन चीजों को खरीदने से बचें
इस दिन तेल से बनी कोई भी वास्तु नहीं खरीदनी चाहिए। धनतेरस के दिन तेल या तेल के उत्पादों जैसे घी, रिफाइंड इत्यादि लाने के लिए मना किया जाता है। धनतेरस पर दीये जलाने के लिए भी तेल की जरूरत पड़ती है इसलिए ये चीजें पहले से ही खरीद लें। काले रंग की वस्तुओं को खरीदने से बचना चाहिए। इन्हें शुभ नहीं माना जाता।
शीशे का संबंध राहु से है, इसीलिए धनतेरस के दिन शीशे की खरीदारी से बचना चाहिए। अगर शीशा खरीदें, तो वह पारदर्शी अथवा धुंधला नहीं होना चाहिए।
एल्युमीनियम के बर्तन धनतेरस पर खरीदना शुभ नहीं माना जाता। क्योंकि इस धातु पर राहू का आधिपत्य होता है। और लगभग सभी शुभ ग्रह इससे प्रभावित होते हैं। इस दिन नुकीला सामान जैसे चाकू, कैंची, छुरी और लोहे के बर्तन आदि नहीं खरीदना चाहिए।
धनतेरस के दिन लोहे की बनी हुईं चीजें घर में नहीं लानी चाहिए। यदि कोई बर्तन खरीद रहे हैं, तो घर में लाने से पहले इसे पानी या किसी दूसरी चीज से भर लें। स्टील भी लोहा का ही दूसरा रूप है इसलिए स्टील के बर्तन भी धनतेरस के दिन नहीं खरीदने चाहिए। स्टील के बजाए कॉपर या ब्रॉन्ज के बर्तन खरीदे जाने चाहिए।
धनतेरस के एक दिन पहले तोहफे खरीदना और देना शुभ माना जाता है। इसके पीछे तर्क है कि किसी को तोहफा देने का मतलब है कि आप अपने घर से रुपए खर्च कर रहे हैं यानी धनतेरस के दिन अपने घर से लक्ष्मी को दूसरी जगह भेजना अशुभ माना जाता है।