धनतेरस और दिवाली से पहले जान लें मां लक्ष्मी से जुड़ीं ये बातें

धनतेरस और दिवाली का त्योहार आने में कुछ ही दिनों का वक्त बचा है. धनतेरस और दिवाली दोनों ही दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के दिन माने जाते हैं. 

मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के मंत्र और उपाय तो आपको पता होंगे लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि मां लक्ष्मी से जुड़ी चीजों का प्रतीकात्मक महत्व व अर्थ क्या है?

बिना अर्थ जाने मां लक्ष्मी की पूजा करना बेकार है. आइए इस बार धनतेरस और दिवाली से पहले जान लेते हैं-

लक्ष्मी शब्द का अर्थ-
लक्ष्मी शब्द की उत्पत्ति लक्ष शब्द से हुई है. लक्ष्मी का अर्थ सर्वोच्च लक्ष्य से लिया जाता है. संस्कृत शब्द लक्ष का मतलब है लाख. 

लक्ष्मी शब्द की उत्पत्ति संस्कृत की लक्ष धातु से हुई है. लक्ष का शाब्दिक अर्थ है ध्यान लगाना, ध्येय बनाना. इसका व्यापक अर्थ है कि जब हम एकाग्रचित्त होकर कोई कार्य या साधना करते हैं तो उसका जो फल प्राप्त होता है, उसे लक्ष्मी कहते हैं.

लक्ष्मी की 4 भुजाएं-
लक्ष्मी मां का ऊपरी बायां हाथ धर्म का प्रतीक है. मां लक्ष्मी का निचला बायां हाथ अर्थ (भौतिक संपन्नता) का प्रतीक है. जबकि मां का दायां निचला हाथ काम (इच्छाओं) का प्रतिनिधित्व करता है और ऊपरी दायां हाथ मोक्ष का प्रतीक है.

ऊपरी बाएं हाथ का आधा खिला कमल-

मां लक्ष्मी के हाथों में आपने आधा खिला हुआ कमल का पुष्प जरूर देखा होगा. इसमें कई पंखुड़ियां होती हैं. अगर आप गौर करेंगे तो पाएंगे कि कमल का फूल लाल रंग का होता है. यह पूरा खिला हुआ नहीं होता है. इस पर सफेद पट्टियां भी होती है.  इसका लाल रंग रजगुण और सफेद रंग सत गुण का प्रतीक है. इसका सांकेतिक मतलब है- सांसारिक और आध्यात्मिक यात्रा में एक साथ प्रगति.

अभय मुद्रा-

मां का दायां निचला हाथ अभय मुद्रा में रहता है. इस मुद्रा का अर्थ है भय से आजादी. मां लक्ष्मी का सबसे बड़ा वरदान सभी तरह के भयों से मुक्ति ही है.

मां लक्ष्मी के हाथ से गिरते हुए सिक्के-
लक्ष्मी मां के चित्र में उनके हाथ से सिक्के गिरते हुए दिखते हैं. गिरते सिक्कों का मतलब है- हर दिशा में संपन्नता. सोने के सिक्के केवल धन और वैभव का ही प्रतीक नहीं है, इसका विस्तृत अर्थ हर तरह की संपन्नता से है.

ऊपरी भुजा में कमल का फूल-
मां की एक दूसरे हाथ में भी कमल का फूल दिखता है.  इस फूल में हजारों पंखुड़ियां होती हैं. यह पहले वाले कमल के फूल से अलग होता है क्योंकि वह आधा खिला होता है और उसमें सौ पंखुड़ियां ही होती हैं. यह सहस्त्र चक्र का समानार्थी है. कुंडलिनी शक्ति में उच्चतम बिंदु सहस्त्र चक्र होता है. इस कमल का बेस लाल रंग का होता है जिस पर नीले रंग भी मौजूद होता है. इसका लाल भाग रज का प्रतिनिधित्व करता है जबकि नीला रंग आकाश का प्रतिनिधित्व करता है. यह पूर्ण विकास की तरफ संकेत करता है. 

लाल रंग की साड़ी-

मां लक्ष्मी को लाल रंग की साड़ी पहने हुए दिखाया जाता है. लाल रंग रज का रंग है जो सृजनात्मकता का प्रतीक है.

कमल पर बैठी मां लक्ष्मी-
मां लक्ष्मी कमल के फूल पर विराजमान रहती हैं. इस मुद्रा का अर्थ यही है कि दुनिया में रहकर भी पूरी तरह से दुनिया के मायाजाल में नहीं फंसें. कमल की उत्पत्ति कीचड़ में होती है लेकिन यह पानी की सतह से ऊपर मुस्कुराता दिखता है. मोह से बाहर निकलना और विकास करते रहना ही इसका संदेश है.

उल्लू-

कई चित्रों में मां लक्ष्मी के बायीं तरफ उल्लू को बैठे हुए दिखाया जाता है जहां सोने के सिक्के गिरते हुए दिखाए जाते हैं. यह अंधेरे का प्रतीक है. उल्लू को आमतौर पर नाइट बर्ड के तौर पर जाना जाता है. यह दिन में नहीं देख सकता है. धन-संपत्ति के प्रति ज्यादा आसक्ति अज्ञानता का संकेत है.

हाथी पानी फेंकते हुए- लक्ष्मी मां की तस्वीर में हाथियों को पानी फेंकते हुए दिखाया जाता है. ये 4 हाथी चार दिशाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं. सफेद रंग के हाथी पवित्रता का प्रतीक हैं. हिंदू मान्यताओं में, हाथी को बुद्धिमानी का प्रतीक भी माना जाता है. अक्सर धन की प्राप्ति के बाद लोग गलत रास्ते पर चलने लगते हैं इसीलिए धन के साथ बुद्धि का मेल जरूरी है.

 

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