5 अप्रैल को पीएम को संबोधित पत्र में दोहरे ने लिखा कि एससी-एसटी वर्ग द्वारा बीते 2 अप्रैल को बुलाए गए भारत बंद के बाद खासतौर पर उत्तर प्रदेश में इस वर्ग के लोगों पर प्रदेश सरकार और स्थानीय पुलिस लगातार जुल्म कर रही है। घरों से निकालने के बाद निर्दोष लोगों के खिलाफ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उनसे मारपीट हो रही है। उन्हें अपमानित किया जा रहा है। बड़ी संख्या में दलितों को झूठे मुकदमों में फंसाया जा रहा है। उन्होंने पीएम से मामले में हस्तक्षेप करने और राज्य सरकार को निर्देश देने की गुहार लगाई है।
अमर उजाला से बातचीत में दोहरे ने कहा कि आंदोलन के बाद स्थानीय पुलिस बेलगाम हो गई है। ऐसे में बतौर सांसद उनका दायित्व है कि वह प्रधानमंत्री को हालात की जानकारी दें। दोहरे ने कहा कि पीएम ने उन्हें इस मामले में पूरी मदद देने और दलितों पर किसी प्रकार का अत्याचार नहीं होने देने का भरोसा दिया है। दोहरे ने यह भी कहा कि उन्हें पूरे प्रदेश से दलित बिरादरी के फोन आ रहे हैं। सभी जगह से उत्पीड़न और अपमानित किए जाने की शिकायत की जा रही है।
दोहरे से पहले सांसद फूले ने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल था। इसके बाद सांसद छोटेलाल ने यूपी के सीएम पर उन्हें डांट कर भगाने की पीएम से शिकायत की थी। दिल्ली के दलित बिरादरी के सांसद उदित राज भीमराव आंबेडकर के नाम में रामजी जोड़े जाने पर पहले ही सार्वजनिक तौर पर आपत्ति जता चुके हैं।