खुदकशी कर अपनी जीवनलीला समाप्त करने वाले उप डाकपाल संजय कुमार सिन्हा वैशाली जिला के पातेपुर थाना के खेसराहां-महुदह गांव के रहने वाले थे। बताया जा रहा है कि दो माह से वे छुट्टी पर थे और 10 अगस्त को ड्यूटी पर लौटे थे। आरडीएस कॉलेज परिसर स्थित उप डाकघर में पिछले एक साल से वे कार्यरत थे। उन्होंने यहां काम नहीं कर पाने को लेकर विभाग में च्वायस ट्रांसफर की अर्जी दी थी। इस अर्जी पर उनका ट्रांसफर प्रधान डाकघर में कर दिया गया था। इस बीच अस्वस्थता का हवाला देकर वे छुट्टी पर चले गए थे।

घर से लिख कर लाए थे दो पन्ने का सुसाइड नोट
मंगलवार को भी वे लगभग 11 बजे ड्यूटी पर आए थे। डाकघर के मुख्यद्वार के ग्रिल का ताला खोलकर अंदर गए और फिर से ताला लगा दिया। अंदर का दरवाजा खोला और अपने पॉकेट में रखा सारा सामान, मोबाइल व घर से लिखकर लाए सुसाइड नोट को बेंच पर रखा। दरवाजे के पास खड़े होकर शरीर पर केरोसिन छिड़कने के बाद आग लगा ली।
पुलिस को मिले सामान
ऑडिटोरियम के रास्ते पुलिस ने डाकघर में प्रवेेश किया। वहां उसे एक बेंच पर डाकघर की चाबी, आइकार्ड, पेन , मोबाइल व सुसाइल नोट मिला।
पत्नी के बयान पर मामला दर्ज
उपडाकपाल की पत्नी सपना सिन्हा के बयान पर मामला दर्ज किया गया है। हालांकि उन्होंने किसी को आरोपित नहीं बनाया है। इधर, जांच को प्रभावित होने की बात बताते हुए काजीमोहम्मदपुर थानाध्यक्ष मो.शुजाउद्दीन ने बताया कि सुसाइड नोट को गोंपनीय रखा गया है। वहीं डाक विभाग के अधिकारी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। इस बीच डाक विभाग के कई वरीय पदाधिकारी थाना पर पहुंचे व मामले की जानकारी ली।
इस बारे में मुजफ्फरपुर के वरीय डाक अधीक्षक राजदेव प्रसाद ने कहा कि ‘उपडाकपाल संजय कुमार सिन्हा किसी बात को लेकर परेशान थे, यह जानकारी नहीं है। उन्होंने मौखिक या लिखित रूप से इस तरह की शिकायत नहीं की थी। उन्होंने आरडीएस कॉलेज शाखा से ट्रांसफर की इच्छा जताई थी। उनकी इच्छा पर उनका ट्रांसफर मुख्य डाकघर में कर दिया गया। इसके बाद वे मेडिकल लीव पर चले गए। छुट्टी में उन पर क्या दबाव डाला गया होगा, यह समझ से परे है।’
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