दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद को फेसबुक के जरिए एक मैसेज मिलता है. मैसेज दिल्ली के जीबी रोड में देह व्यापार के चंगुल में फंसी एक नाबालिग के बारे में था. तथ्यों की पुष्टि के बाद दिल्ली पुलिस की अगुवाई में महिला आयोग की टीम ने छापा मारकर नाबालिग को कोठे से मुक्त कराया.
4 साल से यहां रह रही थी
नाबालिग पीड़िता मूल रूप से बिहार की रहने वाली है. पीड़िता ने बताया, वह चार साल से यहां फंसी हुई थी. उससे जबरन देह व्यापार कराया जा रहा था. उसने बताया कि कम उम्र में ही उसके मां-बाप की मौत हो गई थी. इसके बाद वह अपनी मौसी के घर पर रहने लगी.
9 साल की उम्र में बेचा
एक दिन उसकी मौसी के घर एक महिला आई थी जो उसे बिहार से दिल्ली ले आई. महिला ने उसे दिल्ली में एक कोठे की मालकिन के पास बेच दिया. उस वक्त उसकी उम्र 9 साल थी. पीड़िता के अनुसार, कोठे की मालकिन ने दो साल तक उसे अपनी बहू के घर रखा था.
पहली बार 5 लोगों ने किया गैंगरेप
11 साल की उम्र में उसे जीबी रोड लाया गया. पहली बार उसके साथ 5 लोगों ने गैंगरेप किया था. मना करने पर उसे मारा-पीटा जाता था. पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उसने कई बार भागने की कोशिश की लेकिन हर बार वह पकड़ी गई. पकड़े जाने के बाद उसे तरह-तरह से यातनाएं दी जाती थी.
FB से किया DCW चीफ को मैसेज
पीड़िता ने बताया कि कुछ दिन पहले उसके पास एक लड़का आया था. उसने लड़के से बाहर निकलने के लिए मदद मांगी थी. गौरतलब है कि उसी लड़के ने फेसबुक के जरिए नाबालिग के बारे में स्वाति जयहिंद को मैसेज किया था. जिसके बाद नाबालिग पीड़िता को एक नया जीवनदान मिला.
छापा पड़ने पर ऐसे बचने के निर्देश
जीबी रोड की घिनौनी हकीकत से पर्दा उठाते हुए पीड़िता ने बताया कि जब कभी वहां छापा पड़ता तो कोठे की मालकिन ने उन्हें बचने के लिए कुछ निर्देश दिए थे. पीड़िता के अनुसार, ‘कोठा मालकिन कहती है कि पुलिस छापा मारे तो अपनी उम्र 20 साल बताओ और कहो कि सब अपनी मर्जी से कर रही हूं.’
चौकी से 100 मीटर दूर चल रहे कोठे
नाबालिग को छुड़ाए जाने के बाद मीडिया से बात करते हुए DCW अध्यक्ष स्वाति जयहिंद कहती है, ‘जीबी रोड पर नाबालिग बच्चियों को लाकर बेचा जा रहा है. यहां उन्हें जिस्मफरोशी के दलदल में धकेला जा रहा है. पुलिस चौकी से महज 100 मीटर की दूरी पर कोठे चल रहे हैं. इन सभी कोठों को बंद करके यहां की महिलाओं का पुनर्वास होना चाहिए. कोठा संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.’