कोरोना वायरस की लहर इस बार पहले से भी ज्यादा खतरनाक है. इसकी गवाही हर रोज़ आ रहे आंकड़े भी दे रहे हैं. लेकिन डॉक्टर्स ने इसके पीछे कई अन्य कारण भी गिना दिए हैं. दिल्ली के लोकनायक अस्पताल के एमडी. डॉ सुरेश कुमार का कहना है कि इस बार बीमार होने वालों में सबसे अधिक संख्या युवाओं, बच्चों और गर्भवती महिलाओं की है.
डॉ सुरेश कुमार ने बताया कि नई लहर पहले से ज्यादा तेज़ी से फैल रही है. पिछले हफ्ते 20 मरीज़ अस्पताल में भर्ती हुए थे, अब ये संख्या 170 पहुंच तक गई है. दिल्ली में अब बेड्स की डिमांड बढ़ने लगी है.
डॉ. सुरेश ने कहा कि पहले जो लोग कोरोना की चपेट में आ रहे थे, उनमें अधिकतर बुजुर्ग थे. लेकिन इस बार युवा, बच्चे, गर्भवती महिलाए हैं. जो चिंता का विषय है. हमने अस्पताल में कोरोना की इस लहर से निपटने के कई इंतज़ाम किए हैं. लोकनायक अस्पताल ओपीडी सुविधाओं को बंद करने को लेकर डॉ. सुरेश ने कहा कि अभी तक उनका ऐसा कोई प्लान नहीं है.
आपको बता दें कि दिल्ली में बीते कुछ वक्त में अचानक कोरोना के मामलों में तेज़ी आई है. पिछले 24 घंटे में दिल्ली में कोरोना के कुल 5100 मामले दर्ज किए गए थे, जो कि नवंबर 2020 के बाद सबसे अधिक आंकड़ा है. यही कारण है कि दिल्ली में अब नाइट कर्फ्यू भी लगा दिया गया है.
दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से हर दिन 3 हजार से अधिक केस दर्ज किए जा रहे हैं, ये आंकड़ा 3 हजार, 4 हजार के बीच रहा है लेकिन बीते दिन फिर संख्या 5 हजार को पार कर गई. हालांकि, मंगलवार को दिल्ली में एक लाख से अधिक टेस्ट भी किए गए थे.
दिल्ली के अलावा महाराष्ट्र में भी कोरोना के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं. महाराष्ट्र में बीते दिन 56 हजार से अधिक केस सामने आए, जो अबतक का रिकॉर्ड है. महाराष्ट्र और दिल्ली के साथ-साथ यूपी-कर्नाटक-पंजाब में भी मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं.
अगर पूरे देश के आंकड़ों को देखें, तो बीते दिन कोरोना के 1.15 लाख केस सामने आए. इन आंकड़ों ने पिछले दो साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. देश में अब 8.41 लाख कोरोना के एक्टिव केस हैं. होली के बाद से ही देश में कोरोना के मामलों की रफ्तार बढ़ने लगी है. पिछले तीन दिनों में ही देश में 3 लाख से अधिक नए केस दर्ज किए गए हैं.