नई दिल्ली : देश के हर कोने से यही आवाज़ उठ रही है कि भारत को पाकिस्तान की इस कायराना हरकत का मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए. इस पर रक्षा विशेषज्ञों ने अपनी राय बताई है. ये राय इसलिए अहम है क्योंकि युद्ध को लेकर हमारा देश कितना तैयार है. इस बीच देश में हर तरफ उरी हमले की निंदा हो रही है.
प्रधानमंत्री मोदी का वादा अब नहीं बख्शा जायेगा पाकिस्तान
हालांकि, दावा किया जा रहा है कि भारत उरी में पाकिस्तान की नापाक हरकत पर चुप नहीं बैठेगा. ये कड़ा संदेश प्रधानमंत्री मोदी ने दिया है. उन्होंने एलान किया है कि इस कायराना हमले के लिए जो भी जिम्मेदार हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.
इस बीच सोशल मीडिया पर भी घमासान छिड़ा हुआ है. एक स्वर में पाकिस्तान को सबक सिखाने की बात हो रही है. सबसे ज्यादा लोग सीधे हमले की ही बात कर रहे हैं. हालांकि, कुछ लोगों ने कुटनीतिक चालों का भी जिक्र किया है. सरकार पर भी हमले किए जा रहे हैं.
देश में हर तरफ से ये आवाज़ उठ रही है कि उरी हमले के बाद पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देना ज़रूरी है. ऐसे में अहम सवाल ये है कि पाकिस्तान को करारा जवाब देने के लिए भारत को क्या करना चाहिए ? भारतीय सेना ने कहा है कि वो दुश्मनों के दांत खट्टे करने के लिए पूरी तरह तैयार है.
DGMO लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने कहा है कि ‘मैं आपको यकीन दिलाता हूं कि भारतीय सेना दुश्मन के किसी भी गलत इरादे को नाकाम करने के लिए तैयार है. दुश्मन की किसी भी नापाक हरकत का हम मुंहतोड़ जवाब देंगे.’
सेना तो दुश्मन को सबक सिखाने के लिए तैयार बैठी है, लेकिन रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि अब वक्त सरकार चलाने वालों के इम्तिहान का है. रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल(रि.) जीडी बख्खी के अनुसार अब राजनीतिक नेतृत्व की परीक्षा है. बयानबाजी से काम नहीं चलेगा. उन्होंने कहा कि देश की और फौज की इज्जत के लिए कदम उठाना होगा.
रक्षा विशेषज्ञों की राय में अब वो वक्त आ गया है, जब भारतीय फौजों को पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में घुसकर सैनिक कार्रवाई करनी चाहिए. रक्षा विशेषज्ञ के अनुसार संसद का प्रस्ताव है कि पीओके हमारा है. हम पीओके में कार्रवाई करेंगे तो पूरी तरह जायज होगा.
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि पाकिस्तान एक आतंकवादी देश है. लिहाजा उसे अलग-थलग करना होगा. जानकारों का मानना है कि इसके लिए भारत को अपने मित्र देशों को साथ लेकर आक्रामक कूटनीति अपनानी होगी. रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल(रि.) अशोक मेहता ने भी अपना बयान दिया है.
रक्षा विशेषज्ञ के अनुसार कहा कि पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र में घेरना होगा. इसके साथ ही कहा जा रहा है कि उरी का हमला भारत के खिलाफ पाकिस्तान का छद्म युद्ध है. इसीलिए जानकारों का मानना है कि भारत को ये मुद्दा संयुक्त राष्ट्र में भी ज़ोर शोर से उठाना चाहिए.
रक्षा विशेषज्ञ लेफ्टिनेंट जनरल(रि.) राज कादयान ने कहा है कि यूएन में पाकिस्तान पर कड़ा रुख अपनाने का समय आ गया है. विशेषज्ञों के अनुसार उरी हमले के बाद हम पाकिस्तान के साथ अपने कूटनीतिक रिश्तों के स्तर में कटौती करके भी कड़ा संदेश दे सकते हैं. ये एक ऐसा कदम है जो भारत चाहे तो फौरन उठा सकता है.
रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल(रि.) अशोक मेहता के अनुसार पाकिस्तान की आर्थिक नाकेबंदी होनी चाहिए. पाकिस्तान की नापाक हरकतों को काबू में रखने के लिए उसे अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर घेरना भी ज़रूरी है. इसके लिए भारत सरकार को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर काम करना होगा.
वरिष्ठ वकील, उज्ज्वल निकम ने कहा कि क्षद्म युद्ध का यह सिलसिला पाकिस्तान की ओर से बहुत लंबे समय से चल रहा है. साथ ही कहा जा रहा है कि सीमाओं पर और कड़ा पहरा लगाने की जरूरत है. पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही साथ हमें आतंकियों की घुसपैठ रोकने के लिए अपनी सीमाओं पर सुरक्षा बंदोबस्त भी और मज़बूत करने होंगे.
विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान को सबक सिखाना जरूरी. उरी में किए गए कायरतापूर्ण हमले के बाद पूरे देश में ये आम सहमति दिख रही है कि पाकिस्तान को अब सबक सिखाना होगा. उसे ये समझाना पड़ेगा कि भारत को नुकसान पहुंचाने की उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.
मेजर जनरल(रि.) पीके सहगल ने कहा है कि पाकिस्तान को अगर करारा जवाब नहीं मिला तो वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आएगा. अब देखना यह है कि भारत सरकार की ओर से पाक को सबक सिखाने का योजना क्या है और पीएम मोदी की ओर से क्या निर्देश मिलते हैं.
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