अटल टनल का लोकार्पण करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है। यह अटल का सपना ही नहीं, हिमाचल और देश के लोगों का दशकों का इंतजार खत्म हुआ है। इसका लोकार्पण मेरा सौभाग्य का काम है। जब संगठन का काम देखता था तो अटल जी यहां आते थे। एक दिन मैं और धूमल जी इस बात को लेकर उनके पास गए। हमारा सुझाव अटल जी का सपना बन गया। हम इसे समृद्धि के रूप में देख रहे हैं।

पीएम ने कहा कि लोकार्पण की चकाचौंध में वह लोग पीछे रह जाते हैं जिनका योगदान रहा। अभेद्य पीरपंजाल को भेदकर यह संकल्प पूरा किया है। इंजीनियर, मजदूर सबको याद करता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि यह टनल नए केंद्र शासित प्रदेश लेह लद्दाख की भी लाइफ लाइन बनने वाली है। मनाली और केलांग के बीच की तीन चार घंटे की दूरी कम हो जाएगी।
पीएम मोदी ने कहा कि यह सुरंग देवधरा की उस बुद्ध परंपरा को समृद्ध करेगी जो दुनिया को रोशनी दिखाएगी। हिमालय का यह हिस्सा हो उधर रेगिस्तान का विस्तार हो या तटीय इलाके, ये सब देश की सुरक्षा करते हैं। यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए पीएम ने कहा कि अटल की सरकार जाने के बाद इस काम को भुला दिया गया। जिस रफ्तार से सुरंग का काम उस समय हो रहा था, यह 2040 में पूरी होती।
अटल टनल के काम में 2014 के बाद अभूतपूर्व तेजी लाई गई। पहले हर साल 300 मीटर सुरंग बन रही थी, हमने 1400 मीटर प्रति वर्ष कर दी। यूपीए सरकार होती तो छह साल का काम 26 साल में पूरा होता। यह सुरंग 3200 करोड़ खर्च कर बनाई गई है। यदि 20 साल और लगते तो यह खर्च कितना होता। अटल टनल की तरह ही अनेक प्रोजेक्टों के साथ यही व्यवहार हुआ।
लद्दाख में दौलत बेग एयर स्ट्रिप में भी राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं दिखी। ऐसे सामरिक महत्व के बड़े प्रोजेक्ट सालों तक लंबित रखे गए। पीएम ने कहा कि आज नॉर्थ ईस्ट और अरुणाचल को जोड़ने वाले पुल का काम भी अटल जी ने शुरू किया था।
यह भी लंबित रखा गया। 2014 के बाद इसे गति दी गई। बिहार के कोसी पुल के साथ भी ऐसा ही हुआ। हिमालय क्षेत्र में चाहे हिमाचल हो या कोई और। काम तेजी से चल रहे हैं। सड़क पुल आदि बन रहे हैं। आम लोगों के अलावा हमारे सेना के भाईयों को लाभ हो रहा है। देश की सुरक्षा करने वालों का ख्याल रखना हमारी प्राथमिकता है। वन रैंक वन पेंशन को भी इन लोगों ने पूरा नहीं किया। कागजों में ही दिखाया जाता रहा। मेक इन इंडिया को बढ़ावा दिया जा रहा है। हमें अपने सामरिक सामथ्र्य को बढ़ाना है। अटल टनल इसी आत्मविश्वास का प्रतीक है।
पीएम मोदी ने कहा कि हिमाचल पर मेरा कितना अधिकार है, यह मैं नहीं कह सकता हूं लेकिन मुझ पर हिमाचल का अधिकार है। सुरंग का काम अपने आप में इंजीनियरिंग वर्क कल्चर की दृष्टि से यूनिक है। पीएम ने कहा कि जितनी भी इंजीनियरिंग की यूनिवर्सिटी, संस्थाएं हैं उनको सुरंग की केस स्टडी का काम दिया जाए। ग्लोबल स्तर पर भी इंजीनियरों को बुलाया जाए। दुनिया में हमारी इस ताकत को परिचय मिलना चाहिए। टनल का यह काम एक एजूकेशन का हिस्सा बनाया जाए।
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