उत्तर भारत के आठ महत्वपूर्ण राज्यों के बीच अहम मुद्दों को समझने और सुलझाने पर विमर्श के लिए उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक नौ जुलाई को जयपुर में आयोजित की जानी है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित राज्यों के उप राज्यपाल शामिल होंगे। आइए समझें इस बैठक के लिए राज्यों के अहम मुद्दे क्या हैं-
बेहद अहम मानी जा रही है बैठक
आइएएनएस के अनुसार बैठक में आंतरिक सुरक्षा के अहम मुद्दे पर बात होगी। हाल ही में उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल की बर्बर हत्या के बाद यह बैठक अहम मानी जा रही है। इस घटना की जांच एनआइए कर रही है। राजस्थान की एसआइटी, एटीएस और एसओजी घटना की आतंकी कनेक्शन के एंगिल से भी जांच कर रही
हैं। राजस्थान में बीते कुछ समय में करौली, जोधपुर, भीलवाड़ा और भरतपुर में सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं हो चुकी हैं। गौरतलब है कि क्षेत्रीय परिषदों में विचार-विमर्श के बाद आंतरिक सुरक्षा, तटीय सुरक्षा, महानगर पुलिस व्यवस्था, संबंधित राज्यों द्वारा अपराध एवं अपराधियों पर जानकारी का आदान-प्रदान, जेल सुधार, सांप्रदायिक सौहार्द्र तथा महिलाओं एवं बच्चों की तस्करी जैसी सामाजिक-आर्थिक समस्याओं का समाधान को भी शामिल किया गया है।
राजस्थान: ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना बनाने की बात करेंगे सीएम
राजस्थान सरकार भाखड़ा व्यास मैनेजमेंट बोर्ड में राजस्थान को सदस्य बनाने और पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर 13 जिलों में सिंचाई एवं पेयजल की आपूर्ति करने के मुद्दे प्रमुखता से उठाएगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोयले की कमी से बिजली उत्पादन में गिरावट और सुरक्षा के मुददे को लेकर गृह मंत्री अमित शाह से अलग से बात करने का प्रयास करेंगे।
हरियाणा: एसवाईएल पर केंद्रीय एजेंसी की मांग
पंजाब सरकार अपने हिस्से की सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर का निर्माण नहीं कर रही है। हरियाणा मांग करेगा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लागू कराने के लिए केंद्र एक केंद्रीय एजेंसी नियुक्त करे। हरियाणा का अलग हाई कोर्ट, चंडीगढ़ यूटी के प्रशासक पद पर पंजाब की तरह हरियाणा के राज्यपाल की नियुक्ति और चंडीगढ़ पर पंजाब के दावे को खारिज करने के मुद्दे भी उठाए जाएंगे।
दिल्ली: दुष्कर्म और पोक्सो मामलों की त्वरित जांच व सुनवाई पर फोकस
सूत्रों के मुताबिक बैठक में महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले दुष्कर्म तथा अन्य यौन अपराधों में त्वरित जांच व पोक्सो एक्ट से जुड़े मामलों में त्वरित सुनवाई के लिए एफटीएससी योजना के जल्द क्रियान्वयन पर प्रमुखता से बात होगी। मोबाइल सिम कार्ड लेने, बैंक खाता खोलने और इंटरनेट मीडिया की चुनौतियों से निपटने के लिए फिजिकल वेरिफिकेशन की मांग भी दिल्ली सरकार कर सकती है। पराली की समस्या, रेणुका, लखवार और किशाऊ बांध परियोजना के तहत हुए समझौते में दिल्ली को उसके हिस्से का पूरा पानी मिलने की बात भी उठाई जा सकती है।
पंजाब: नशीले पदार्थों की तस्करी की समस्या
पंजाब फिर से राजस्थान की सीमा से होने वाली नशीले पदार्थों की तस्करी का मामला उठा सकता है। वह हरियाणा के साथ एसवाईएल, चंडीगढ़ राजधानी और नदी जल समझौतों से जुड़े मामले भी उठा सकता है। पंजाब अपने यहां के उद्योग बचाने के लिए पहाड़ी राज्यों की तर्ज पर करों में छूट मांग सकता है।
चंडीगढ़: सुखना वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी कैचमेंट एरिया पर होगी बात
पंजाब और हरियाणा सुखना वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी के इको सेंसटिव जोन को अधिसूचित नहीं कर रहे हैं। सेंक्चुरी का 90 प्रतिशत क्षेत्र पंजाब और हरियाणा के दायरे में आता है। यहां अवैध निर्माण होता रहा है।
हिमाचल: लद्दाख और हरियाणा से सीमा विवाद रहेगा प्रमुख मुद्दा
हिमाचल का मानना है कि लद्दाख ने लाहुल-स्पीति और हरियाणा ने सोलन जिला के परवाणू में कुछ भाग पर कब्जा कर रखा है। यह मामला वह प्रमुखता से उठाएगा।
यह है क्षेत्रीय परिषदों की संरचना और उद्देश्य
प्रमुख उद्देश्य
- राष्ट्रीय एकीकरण को सशक्त करने और क्षेत्रवाद व विशेष प्रकार की प्रवृत्तियों को विकसित होने से रोकना।
- विकास परियोजनाओं के सफल एवं तीव्र निष्पादन के लिए सहयोगात्मक वातावरण बनाना।
संगठनात्मक ढांचा
- देश के सभी राज्यों को उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम और मध्य क्षेत्रीय परिषदों में रखा गया है। पूर्वोत्तर राज्यों के लिए पूर्वोत्तर परिषद है।
- केंद्रीय गृहमंत्री प्रत्येक परिषद के अध्यक्ष और सदस्य राज्यों के मुख्यमंत्री रोटेशन के हिसाब से उपाध्यक्ष होते हैं।