एनआईए कोर्ट ने देशद्रोह में आतंकी खानपुरिया सहित चार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। जगदेव सिंह, रविंदरपाल सिंह मेहना व हरचरन सिंह को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। यह चारों देशद्रोह, आपराधिक साजिश और गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल थे।
पंजाब के मोहाली में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के आतंकी कुलविंदरजीत सिंह खानपुरिया व उसके तीन साथियों जगदेव सिंह, रविंदरपाल सिंह मेहना व हरचरन सिंह दिल्ली को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
चारों आरोपियों पर देशद्रोह, आपराधिक साजिश रचने और गैर कानूनी गतिविधियों में संलिप्त होने के आरोप थे। एनआईए कोर्ट ने इन चारों को बुधवार को दोषी करार दिया था और गुरुवार को सजा सुनाई।
चारों आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश किया गया। दोषी कुलविंदरजीत सिंह खानपुरिया पर 2019 में एनआईए ने मामला दर्ज किया था। उसे भारतीय अधिकारियों ने 21 नवंबर 2022 को बैंकॉक से उतरने के बाद दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया था।
कनॉट प्लेस में बम विस्फोट मामले में शामिल था
गिरफ्तार आतंकवादी पंजाब में लक्षित हत्याओं को अंजाम देने की साजिश सहित कई आतंकवादी मामलों में शामिल और वांछित था। वह नब्बे के दशक में कनॉट प्लेस नई दिल्ली में एक बम विस्फोट मामले और अन्य राज्यों में ग्रेनेड हमलों में भी शामिल था।
आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड भी था खानपुरिया
जांच से पता चला था कि डेरा सच्चा सौदा से जुड़े प्रतिष्ठानों और पंजाब में पुलिस और सुरक्षा से जुड़े लोगों को निशाना बनाकर भारत में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की साजिश के पीछे खानपुरिया मुख्य साजिशकर्ता और मास्टरमाइंड था। इसके अलावा खानपुरिया पंजाब और पूरे देश में आतंक पैदा करने के समग्र उद्देश्य से भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड, चंडीगढ़ के वरिष्ठ अधिकारियों को भी निशाना बना रहा था।
अमृतसर में दर्ज किया गया था पहला मामला
मामला शुरू में 30 मई, 2019 को पुलिस स्टेशन स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल अमृतसर में दर्ज किया गया था और 27 जून 2019 को एनआईए ने केस अपने पास ले लिया था और इसमें नई एफआईआर दर्ज की गई थी। खानपुरिया ने भारत और विदेशों में विभिन्न दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में स्थित अपने संचालकों और सहयोगियों के साथ मिलकर भारत में आतंकवादी हमले करने की योजना बनाई और साजिश रची थी। जिसके बाद खानपुरिया भारत से भागने में कामयाब रहा था। वह 2019 से फरार चल रहा था। एनआईए ने उसके बारे में सूचना देने पर पांच लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी।
इन धाराओं में सुनाई गई सजा
दोषियों को धारा 121 देशद्रोह (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने, या युद्ध छेडऩे का प्रयास करने या युद्ध छेडऩे के लिए उकसाने), 121-ए (दंडनीय अपराध करने की साजिश), 122 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेडने के इरादे से हथियार आदि इकट्ठा करना), 123 (युद्ध छेड़ने की योजना को सुविधाजनक बनाने के इरादे से छिपाना), भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), धारा 3 और 25 आर्म्स एक्ट और यूएपीए की धारा 17, 18, 18-बी, 38 और 39 के तहत सजा सुनाई गई है।देश के खिलाफ षड्यंत्र रच रहे थे
अदालत ने सजा सुनाते हुए कहा कि दोषी खालिस्तान का राज भारत में लागू करवाने के लिए देश के खिलाफ षड्यंत्र रच रहे थे। उन्होंने गुप्त तरीके से भारत सरकार के खिलाफ जंग छेड़ी हुई थी। उनके मंतव्य से साफ पता चलता है कि वह खालिस्तान के पक्ष में प्रचार प्रसार कर रहे थे। उनसे जो हथियार पकड़े गए थे उससे साबित होता है कि वह दंगे करवाना चाहते थे। वह गुप्त ढंग से थ्रीमा एप्प व व्हट्स एप का इस्तेमाल करने एक दूसरे के संपर्क में थे। अदालत ने कहा कि अपराधों की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए सभी को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
किस अपराध में कितना जुर्माना व सजा
आतंकी कुलविंदर जीत सिंह खानपुरिया, जगदेव सिंह, रविंदरपाल सिंह व हरचरन सिंह को धारा 121, 121-ए में उम्रकैद व 50-50 हजार रुपये जुर्माना। जुर्माना अदा न करने पर एक-एक साल बढ़ेगी। इसी तरह धारा 122 व 123 में 10 साल की कैद व 25 हजार जुर्माना। जुर्माना न भरने पर 6 महीने की सजा बढ़ेगी। यूएपीए एक्ट की धारा 17, 18, 18बी, 38 व 39 में 10 साल की सजा व 25 हजार जुर्माना। जुर्माना न भरने पर 6 महीने की सजा बढ़ेगी। यूएपीए की धारा 20 में उम्र कैद व 50 हजार जुर्माना भरना पड़ेगा। जुर्माना अदा न करने पर एक साल की सजा बढ़ेगी। आर्म्स एक्ट की धारा 25 में तीन साल की कैद व 10 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है।