कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों का आंदोलन दिल्ली बॉर्डर पर जारी है. इस बीच आज एक किसान संगठन के कार्यकर्ता ने आत्महत्या कर ली. आत्महत्या करने वाले किसान का नाम रतन सिंह है. उनकी उम्र 75 साल थी. मालूम हो कि बीते दिन ही कृषि कानून के मसले पर केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच 11वें दौर की वार्ता हुई. लेकिन वो वार्ता भी पूर्व के तरह बेनतीजा रही.

बता दें कि सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन इस बीच शनिवार को अमृतसर के रतन सिंह ने यहां आत्महत्या कर ली. वह पंजाब के किसान मजदूर संघर्ष समिति के कार्यकर्ता थे. उनकी मौत की खबर जब अमृतसर के उनके गांव कोटली ढोले शाह पहुंची तो लोगों में शोक की लहर दौड़ गई. रतन सिंह कई दिनों से किसान आंदोलन में शामिल थे.
दरअसल, कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 50 से अधिक दिनों से जारी है. अब तक इस आंदोलन में कई किसानों की मौत चुकी है. कल हुई किसान और सरकार की बैठक को लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा है कि वार्ता बेनतीजा रही जिसका हमें दुख है. किसान संगठन चाहते हैं कि तीनों कृषि कानून वापस लिए जाए. लेकिन सरकार संशोधन का प्रस्ताव दे रही है. हमने 2 साल तक कानून को होल्ड करने की बात भी कही, लेकिन उसे भी नकार दिया गया.
वहीं, गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान संगठनों ने दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालने की बात कही है. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी है. बीते दिन पुलिस-किसानों में हुई बैठक बेनतीजा रही. किसान दिल्ली की रिंग रोड पर रैली निकालने को अड़े हैं, पुलिस किसानों को केएमपी एक्सप्रेसवे का ऑप्शन दे रही है. ऐसे में इस मसले का क्या हल निकलेगा, ये देखने वाली बात होगी.
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