दुखद : दिल्ली में कहर ढा रहा कोरोना आठ दिनों में 130 लोगों की हुई मौत

राजधानी में कोरोना संक्रमण के मामले रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ रहे हैं। आठ दिन में ही 35 हजार से ज्यादा लोगों  में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। हालांकि,राहत की बात यह है कि जिस हिसाब से मरीज बढ़ रहे हैं, उसके मुकाबले मौतों का आंकड़ा काफी कम है। संक्रमण की   पिछली तीन लहर के मुकाबले इस चौथी लहर में सबसे कम लोगों ने जान गंवाई है। विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण का नया स्ट्रेन पहले के वायरस के मुकाबले कम घातक है।

दिल्ली में इस समय चल रही चौथी लहर के आठ दिनों में 130 लोगों की मौत हुई है। जबकि, जून में आई पहली लहर के आठ दिनों में 410 लोगों की मौत हो गई थी। उसके बाद सितंबर में (आठ दिन में) 199 मौतें हुई थी। जबकि, नवंबर में इतने ही दिनों में मौत का आंकड़ा 549 पहुंच गया था।

इस लिहाज से देखें तो इस बार सबसे कम  मौत हुई है। मरीज भले ही तेजी से बढ़ रहे हैं ,लेकिन मौत की संख्या में ज्यादा इजाफा नहीं हो रहा है। अब प्रतिदिन औसतन 15 लोगों की मौत हो रही है। जबकि पिछले तीन लहर में यह आंकड़ा 68 तक भी पहुंच गया था

एम्स के डॉक्टर विक्रम बताते हैं कि चौथी लहर में पहले के मुकाबले कम लोगों की मौत हो रही है।इसका कारण यह हो सकता कि नया संक्रमण भले ही तेजी से फैल रहा है, लेकिन यह कम घातक है। उन्होंने कहा कि तेजी से मामलों का बढ़ना चिंता का विषय है। लोगों को काफी सतर्क रहने की जरूरत है। जरूरी है कि मौत की संख्या को और भी कम किया जाए।

स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मौत के मामलों को कम करने के लिए व्यापक कदम उठाए जा रहे हैं। सभी संदिग्धों की कोरोना जांच की जा रही है। सही समय पर संक्रमितों की पहचान होने से उन्हें समय पर इलाज मिल रहा है।इससे ज्यादा मौतें नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि फिलहाल जो लोग संक्रमण से जान गंवा रहे हैं। उनमें अधिकतर पूरानी बीमारी से पीड़ित हैं।

 

 

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