एमसीडी के मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए चुनाव की तिथि आखिरकार तय हो गई है। यह चुनाव 14 नवंबर को सदन की बैठक में होगा। इस वर्ष मेयर पद अनुसूचित जाति (एससी) के पार्षद के लिए आरक्षित है। एमसीडी में मेयर का चुनाव अप्रैल में होता है, लेकिन इस साल राजनीतिक और प्रशासनिक विवादों के चलते यह चुनाव लंबे समय तक टल गया था। हालांकि इन दोनों पदों के लिए अप्रैल में नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
निगम सचिव ने सोमवार की सुबह मेयर व डिप्टी मेयर पद के चुनाव के लिए वर्तमान मेयर शैली ओबराय के पास फाइल भेजी थी और यह चुनाव 14 नवंबर को कराने की तिथि तय करके शाम को फाइल वापस भेज दी। इसके बाद निगम सचिव ने 14 नवंबर को होने वाली सदन की बैठक और उसमें मेयर व डिप्टी मेयर पद के चुनाव कराए जाने के संबंध में सभी पार्षदों को सूचना देने का नोटिस कर दिया।
इसके अलावा निगम सचिव ने मेयर चुनाव कराने के लिए पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने की फाइल आयुक्त के पास भेज दी है। यह फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय के माध्यम से उपराज्यपाल के पास जाएगी और वह पीठासीन अधिकारी नियुक्त करेंगे। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गत माह मेयर चुनाव कराने के संबंध में वर्तमान मेयर को पत्र लिखा था, लेकिन उनके पत्र के बाद गत माह हुई सदन की बैठक में मेयर चुनाव नहीं कराया गया था। उस बैठक में वर्तमान मेयर ने घोषणा की थी कि अगली बैठक में मेयर चुनाव कराया जाएगा।
इसलिए प्रशासनिक प्रक्रिया में आई रुकावट
इस साल भी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव अप्रैल में होने थे, लेकिन मुख्यमंत्री के जेल में होने के कारण प्रशासनिक प्रक्रिया में रुकावट आई। दरअसल, मेयर का चुनाव पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के माध्यम से होता है और इस संबंध में फाइल उपराज्यपाल के पास भेजी जानी चाहिए थी। हालांकि, मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में यह फाइल उपराज्यपाल के पास भेजी गई, लेकिन उपराज्यपाल ने पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने से इन्कार कर दिया। इसके चलते चुनाव की प्रक्रिया स्थगित कर दी गई और वर्तमान मेयर को अपने पद पर बने रहने के निर्देश दिए गए।
अनुसूचित जाति का पार्षद बनेगा मेयर
इस वर्ष मेयर का पद अनुसूचित जाति के पार्षद के लिए आरक्षित है। यह आरक्षण एमसीडी में राजनीतिक संतुलन को बनाए रखने और अनुसूचित जाति समुदाय के प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कर रखा है।
राजनीतिक दलों की तैयारी
मेयर चुनाव के लिए प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। भाजपा और आम आदमी पार्टी इस पद पर जीत के लिए जुट गई हैं। भाजपा ने एमसीडी में कई वर्षों तक शासन किया है, लेकिन पिछले कुछ चुनावों में आप को बहुमत प्राप्त हुआ। इस कारण उसका पलड़ा भारी है। हालांकि भाजपा भी जीतने का प्रयास कर रही है।
मेयर पद के राजनीतिक महत्व
मेयर पद बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह न केवल शहर की स्थानीय समस्याओं के समाधान में सक्रिय भूमिका निभाते हैं, बल्कि नागरिकों के बीच एक मजबूत प्रतिनिधित्व का भी प्रतीक होते हैं। मेयर के पास एमसीडी की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने, बजट निर्धारण और शहर के बुनियादी ढांचे के सुधार की जिम्मेदारी होती है। मेयर का पद नागरिकों की समस्याओं को समझने और उनके समाधान में कार्रवाई करने के लिए अहम है, जिससे यह पद राजनीतिक दलों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण बन जाता है।