राजधानी में बृहस्पतिवार को प्रदूषण के गंभीर स्थिति में पहुंचने के बाद पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु मानक संस्था सफर ने चेतावनी जारी की है। कहा है कि जरूरी होने पर ही लोग घरों से बाहर निकलें। साथ ही दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों के डॉक्टरों ने भी लोगों के स्वास्थ्य के लिए हेल्थ अलर्ट जारी किया है।
बृहस्पतिवार को पीएम10 का स्तर सुबह आठ बजे करीब 560 माइक्रोग्राम घन मीटर दर्ज किया गया। इससे पहले यह 15 साल पहले नवंबर में 637 दर्ज किया गया था। 100 ग्राम प्रति घन मीटर से कम होने पर पीएम10 का स्तर सुरक्षित माना जाता है। पीएम 10 बहुत सूक्ष्म होते हैं। इनका व्यास 10 माइक्रोमीटर से भी कम होता है।
यह आसानी से शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को जन्म देते हैं। पीएम 2.5 भी 336 दर्ज किया गया है। यह 60 ग्राम प्रति घन मीटर से कम होने पर सुरक्षित माना जाता है। पीएम 2.5 आसानी से रक्त वाहिकाओं में प्रवेश करता है। यह भी विभिन्न प्रकार की बीमारी को जन्म देता है।
सफर के अनुसार, लोगों को सलाह दी गई है कि केवल जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें। घरों के सभी खिड़की-दरवाजे बंद रखें और सुबह-शाम की सैर को कुछ समय के लिए बंद कर दें। एम्स के पल्मोनरी विभाग के डॉक्टर करन मदान ने बताया कि राजधानी में प्रदूषण के मौजूदा हालात को देखते हुए स्वास्थ्य आपातकाल के हालात पैदा हो गए हैं।
ऐसे में गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे विशेष तौर पर बाहर न निकलें। सामान्य व्यक्ति भी बहुत जरूरी होने पर ही घर से मास्क लगाकर निकलें। विशेषकर, अस्थमा के मरीजों को बाहर न निकलने की सलाह दी गई है।
एम्स के हृदय रोग विभाग के डॉक्टर संदीप मिश्रा ने बताया कि प्रदूषण का सीधा असर हृदय पर होता है। जहां अधिक प्रदूषण होता है उनके हृदय पर इसका अधिक प्रभाव देखा गया है। इसलिए हृदय रोगियों को भी सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। उन्होंने बहुत जरूरी काम होने पर भी बाहर न निकलने की सलाह दी है। दवाइयों का नियमित रूप से सेवन भी जरूरी बताया है।