
दिल्ली में तकरीबन पांच हजार वकील बार परीक्षा में फेल हो गए हैं। इसके कारण बार परिषद ने उच्चतम न्यायालय से लेकर जिला अदालतों और न्यायाधिकरणों को पत्रा लिखा है कि इन असफल वकीलों को कोर्ट में पेश ना होने दें। परिषद ने इन वकीलों के नाम एक पेन ड्राइव में अदालतों को भेजे हैं।
दिल्ली के वकीलों का इतनी बड़ी संख्या में बार परीक्षा में विफल होना आश्चर्य की बात है। यह परीक्षा ओपन बुक पद्धति के आधार पर होती है जिसमें कानून की किताब देखकर प्रश्नों के उत्तर दिए जा सकते हैं। परीक्षा में बेसिक कानूनी समझ की परीक्षा ली जाती है। 2010 में शुरू की गई परीक्षा का मकसद यह था कि इस पेशे में गंभीर किस्म के लोग ही आएं।
अखिल भारतीय बार परीक्षा आयोजित करने वाली भारतीय बार परिषद (बीसीआई) ने बताया है कि विफल वकील प्रोविजनल रूप से दिल्ली बार परिषद में पंजीकृत हैं। बार परीक्षा पास करने के बाद ही उन्हें स्थायी पंजीकरण नंबर दिया जाता है।
नहीं माने जाएंगे वकील :
बार परिषद के सचिव विष्णु शर्मा ने कहा है कि बीसीआई की ओर से जारी 2013 के सर्कुलर के अनुसार ऐसे वकील जो बार परीक्षा पास नहीं कर पाएंगे उन्हें वकील नहीं माना जाएगा। इसलिए इन वकीलों को प्रैक्टिस करने का प्रमाणपत्र नहीं दिया गया है। परीक्षा साल में दो बार (जून और दिसंबर) होती है। बार परीक्षा पास करने की कोई सीमा नहीं है। पास होने तक कितनी ही बार परीक्षा दी जा सकती है।
- 10 लाख के करीब वकील देश में हैं
- दिल्ली में सबसे ज्यादा 60,000 वकील
- 2010 से हो रही है बार परीक्षा
- ओपन बुक पद्धति से होती है परीक्षा
- पास होने तक देते रह सकते हैं परीक्षा
- 2010 के बाद एलएलबी करने वालों को परीक्षा देना जरूरी
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