केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union home Ministry) ने बृहस्पतिवार को कहा कि संयुक्त प्रयासों की वजह से राष्ट्रीय राजधानी में हाल के दिनों में कोरोना के कारण बिगड़ी स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। अब जहां लोगों के स्वस्थ होने की दर 72 प्रतिशत से अधिक हो गई है, वहीं संक्रमण के मामलों के दोगुने होने की अवधि 29.7 दिन पर पहुंच गई है।
गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव (Punya Salila Srivastava, Joint Secretary, Ministry of Home Affairs) ने प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी देते हुए कहा कि मंत्रालय महामारी की स्थिति में सुधार के लिए दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में राज्य सरकारों के साथ लगातार बैठकें कर रहा है। दिल्ली में संयुक्त प्रयासों से स्थिति में सुधार हुआ है। बड़े स्तर पर रैपिड एंटीजन प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे जांच क्षमता में वृद्धि हो रही है। आठ जुलाई तक 6.79 लाख से अधिक जांच, प्रति 10 लाख आबादी पर 35,780 जांच की गई हैं और हर रोज 20 हजार से अधिक जांच की जा रही है।
उन्होंने कहा कि प्रतिदिन जांच क्षमता में वृद्धि के बावजूद दिल्ली में उपचाराधीन मरीजों की संख्या नियंत्रण में है। गुरुवार तक के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में कोरोना वायरस के उपचाराधीन सक्रिय मरीजों की संख्या 23,452 है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोरोना रोगियों के उपचार के लिए अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या में वृद्धि की गई है। अस्पतालों में एक जून तक 4,456 बिस्तर उपलब्ध थे। अब 15,096 बिस्तर उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली के छतरपुर स्थित सरदार पटेल कोरोना देखरेख केंद्र ने स्थिति बदल दी है। यहां 12 दिन के भीतर दिल्ली के निवासियों के लिए बेहतरीन सुविधा सुनिश्चित की गई।
गौरतलब है कि दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तो 1 लाख के पार हैं, लेकिन ठीक होने वाले मरीजों का आंकड़ा 80 हजार के करीब पहुंच चुका है।