दिल्ली में केजरीवाल के ‘झाड़ू’ ने विपक्ष का सफाया कर दिया

दिल्ली में अरविंद केजरीवाल का ‘झाड़ू’ एक बार फिर चल गया और इसने विपक्ष का सफाया कर दिया. आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री होंगे. 62 सीटों पर आप आगे चल रही है और खबर लिखे जाने तक 37 सीटों पर जीत दर्ज कर ली.

कुल मिलाकर दिल्ली की जो तस्वीर सामने आई उसकी झलक एग्जिट पोल के आंकड़ों में ही मिल गई थी. 8 फरवरी को चुनाव खत्म होने के बाद हर एग्जिट पोल में अरविंद केजरीवाल को बहुमत दिया गया था. हालांकि, बीजेपी इन एग्जिट पोल को खारिज करती रही. लेकिन आज के नतीजों ने बीजेपी के दावों की हवा निकाल दी.

इस जीत के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जनता को धन्यवाद करते हुए ‘आई लव यू’ कहा और भगवान हनुमान को भी शुक्रिया कहा. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस जीत ने देश में नई राजनीति की शुरुआत की है, जो देश के लिए शुभ संकेत है.

उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता ने ये संदेश दिया कि जो स्कूल बनाएगा उसी को वोट मिलेगा. जो बिजली, स्वास्थ्य और सड़कें बनाएगा उसी को वोट मिलेगा. जाहिर है कि स्कूल, बिजली और स्वास्य्थ आम आदमी पार्टी के मुख्य चुनाव मुद्दे रहे. वह इन मुद्दों से टस से मस नहीं हुई.

दिल्ली में सरकार बनाने का दावा करने वाले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और लोकसभा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि जब नतीजे आपके मुताबिक नहीं आते तो दुख तो होता ही है.

उन्होंने कहा कि हम इस चुनाव में मिली हार की समीझा करेंगे. उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनकी जीत के लिए बधाई दी. इसके साथ ही उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया.

मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली में उनके वोट शेयर में बढ़ोतरी हुई है. ये कार्यकर्ताओं की मेहनत के बिना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता ने सोच समझकर जनादेश दिया होगा. बीजेपी सांसद ने कहा, ”हमें उम्मीद है कि आरोप प्रत्यारोप कम होगा और काम ज्यादा होगा.” उन्होंने कहा कि हमने विकास की राजनीति की न कि घृणा की. हम शाहीन बाग में सड़क अवरूद्ध करने के खिलाफ हैं जैसा कि हम पहले थे.

पिछले विधानसभा चुनाव की तरह इस बार भी कांग्रेस को निराशा हाथ लगी. कांग्रेस के हाथ पिछली बार भी खाली रह गए थे. इस हार की जिम्मेदारी लेते हुए दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने इस्तीफे की पेशकश की है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को हार जरूर मिली है लेकिन वे हताश नहीं हैं. सुभाष चोपड़ा ने अरविंद केजरीवाल को इस जीत के लिए बधाई दी. इसके साथ ही कहा कि ये जीत विज्ञापनों की बदौलत है.

जानकारों की मानें तो आम आदमी पार्टी के पास दिल्ली के लिए चेहरा मौजूद था. जिसके काम को लोगों ने पिछले पांच साल देखा, जिसके चेहरे की बदौलत पार्टी ने लोगों से वोट मांगे. वहीं बीजेपी ने दिल्ली के लिए कोई चेहरा नहीं दिया. बिना चेहरे वाला प्रयोग 2017 के यूपी विधानसभा  में सफल हुआ लेकिन दिल्ली में ये नहीं चल सका.

इस चुनाव के शुरुआत से ही आम आदमी पार्टी स्थानीय मुद्दों के साथ चुनाव में उतरी. जैसा कि पहले जिक्र किया गया पार्टी स्कूल, बिजली और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों के ऊपर लोगों से वोट मांगती रही. केजरीवाल ने यहां तक कहा कि अगर काम नहीं किया है तो वोट मत देना. यानी आप ने अपने पिछले पांच साल के काम को जनता के सामने रखा और उसी के हिसाब से वोट मांगने का काम किया. इन मुद्दों से आम आदमी पार्टी लोगों को कनेक्ट करने में कामयाब रही.

वहीं बीजेपी ने राष्ट्रवाद, नागरिकता कानून और केंद्र सरकार के काम को आगे रखा. चुनाव के अंतिम दिनों में बीजेपी ने अचानक शाहीन बाग के मुद्दे पर आक्रामक हो गई. बीजेपी ने जनता के बीच बार-बार जाकर शाहीन बाग के पीछे आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के सांठ-गांठ का आरोप लगाया. जानकारों के मुताबिक बीजेपी नेताओं के विवादित बयानों का भी उल्टा असर हुआ.

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