दिल्ली में उम्मीदवारों के सामने जीत के रिकॉर्ड तोड़ने की चुनौती

इनमें प्रतिशत के मामले में अधिक मत प्राप्त करने का रिकॉर्ड प्रमुख है। यह रिकॉर्ड 40 वर्ष से कायम है। इसके अलावा इनमें सबसे अधिक मत प्राप्त करने और सबसे अधिक अंतर से जीत हासिल करने का रिकाॅर्ड भी शामिल है। दोनों रिकार्ड पांच वर्ष पहले बने थे।

दिल्ली में लोकसभा चुनाव लड़ने वाले भाजपा और इंडिया गठबंधन की कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों के समक्ष तीन रिकॉर्ड तोड़ने की चुनौती रहेगी। इनमें प्रतिशत के मामले में अधिक मत प्राप्त करने का रिकॉर्ड प्रमुख है। यह रिकॉर्ड 40 वर्ष से कायम है। इसके अलावा इनमें सबसे अधिक मत प्राप्त करने और सबसे अधिक अंतर से जीत हासिल करने का रिकाॅर्ड भी शामिल है। दोनों रिकार्ड पांच वर्ष पहले बने थे।

दिल्ली में इस बार लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा व इंडिया गठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा है। इस कारण पिछले चुनाव के दौरान बने विभिन्न रिकार्ड टूटने की संभावना कम दिख रही है। हालांकि, दोनों खेमों ने अधिक से अधिक मत प्राप्त करने के लिए कमर कस ली है और उनके नेताओं ने मतदाताओं को लुभाना शुरू कर दिया है। लिहाजा चार जून को मतगणना के बाद मालूम होगा कि वह रिकॉर्ड तोड़ पाए या नहीं।

दिल्ली में लोकसभा चुनाव में प्रतिशत के मामले में सबसे अधिक मत प्राप्त करने का रिकॉर्ड 40 साल पहले वर्ष 1984 में कांग्रेस के एचकेएल भगत ने बनाया था। इंदिरा गांधी लहर में उन्होंने पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में डाले गए मतों में से 76.95 प्रतिशत मत प्राप्त किए थे। उनका यह रिकॉर्ड आज भी कायम है। उनसे पहले यह रिकॉर्ड कांग्रेस की सुचेता कृपलानी के नाम था। उन्होंने वर्ष 1957 में नई दिल्ली क्षेत्र में 73.66 प्रतिशत मत प्राप्त करके रिकॉर्ड बनाया था। वहीं, वर्ष 1984 में एचकेएल भगत ने सबसे अधिक अंतर से जीतने का भी रिकॉर्ड बनाया था। इस चुनाव में उन्होंने 317700 मतों से जीत दर्ज की थी। मगर भाजपा के प्रवेश वर्मा ने वर्ष 2019 में उनके इस रिकॉर्ड को तोड़ दिया था। प्रवेश वर्मा ने गत चुनाव में 578486 मतों सेे जीत हासिल की थी। इस चुनाव में प्रवेश वर्मा ने सबसे अधिक मत प्राप्त करने का भी रिकॉर्ड तोड़ा था। यह रिकॉर्ड कांग्रेस के सज्जन कुमार ने वर्ष 2004 में प्रवेश वर्मा के पिता साहिब सिंह वर्मा के समक्ष बाहरी दिल्ली क्षेत्र में बनाया था। सज्जन कुमार ने 855550 मत प्राप्त किए थे, जबकि प्रवेश वर्मा ने 865648 मत हासिल किए थेे।

दिल्ली में सबसे कम अंतर से जीतने का रिकार्ड भाजपा के लालकृष्ण आडवाणी के नाम दर्ज है। वह वर्ष 1991 में नई दिल्ली क्षेत्र से मात्र 620 मतों से जीते थे। इस चुनाव में अभिनेता से नेता बने कांग्रेस के राजेश खन्ना ने उनको कड़ी टक्कर दी थी। उधर, दिल्ली में लोकसभा चुनाव में अभी तक प्रतिशत के मामले में सबसे अधिक मतदान चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र में हुआ है। यहां वर्ष 1977 में 82.98 प्रतिशत मतदान हुआ था। वहीं, सबसे कम मतदान का रिकार्ड बाहरी दिल्ली में वर्ष 1999 में बना था। यहां उस दौरान 41.49 प्रतिशत मतदान हुआ था।

दिल्ली में लोकसभा चुनावों के दौरान बने रिकॉर्ड

  • सबसे ज्यादा मत : 865648 मत- प्रवेश वर्मा (भाजपा), पश्चिम दिल्ली क्षेत्र, वर्ष 2019
  • सबसे ज्यादा प्रतिशत मत : 76.95 प्रतिशत- एचकेएल भगत (कांग्रेस), पूर्वी दिल्ली क्षेत्र, वर्ष 1984
  • सबसे ज्यादा अंतर से जीत : 578486 मत- प्रवेश वर्मा (भाजपा), पश्चिम दिल्ली क्षेत्र, वर्ष 2019
  • सबसे कम अंतर से जीत : 620 मत-लालकृष्ण आडवाणी (भाजपा), नई दिल्ली क्षेत्र, वर्ष 1991
  • सबसे ज्यादा मतदान : 82.98 प्रतिशत-चांदनी चौक क्षेत्र, वर्ष 1977
  • सबसे कम मतदान प्रतिशत : 41.49 प्रतिशत-बाहरी दिल्ली क्षेत्र, वर्ष 1999

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