रविवार के लिए मौसम विभाग ने बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। इससे अधिकतम तापमान 32 और न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा सकता है।
राजधानी में शनिवार को लगातार चौथे दिन तेज तो कुछ इलाकों में हल्की बारिश हुई। प्रादेशिक मौसम मानक वेधशाला सफदरजंग के मुताबिक शाम साढ़े पांच बजे तक 1.3 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। ऐसे में शनिवार को अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस कम 32.8 व न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस नीचे 25.8 दर्ज किया गया।
वहीं, रविवार के लिए मौसम विभाग ने बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। इससे अधिकतम तापमान 32 और न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा सकता है। इधर, राजधानी में बारिश होने के बाद हवा संतोषजनक श्रेणी में बरकरार है। शनिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 71 रहा। एनसीआर में नोएडा का एक्यूआई सबसे कम 53 रहा जो संतोषजनक श्रेणी है।
खाली प्लॉट में भरे पानी में डूबने से दो छात्रों की मौत
प्रेम नगर के रानीखेड़ा बस डिपो के पास शुक्रवार शाम खाली प्लॉट में भरे पानी में डूबने से 11वीं के दो छात्रों की मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि बच्चे क्रिकेट खेलते समय पानी में गिर गए थे। वहीं, पुलिस का कहना है कि मयंक (17) व दिव्यांश (17) नहाने गए थे। पुलिस लापरवाही से मौत का मामला दर्ज कर जांच में जुट गई है।
पुलिस के अनुसार, मूलरूप से सीतामढ़ी निवासी रंजीत कुमार ने बताया कि वे प्रेम नगर तीन के बृज विहार में रहते हैं। शाम छह बजे मयंक कुछ दोस्तों के साथ खाली प्लॉट में क्रिकेट खेलने के लिए गया था। करीब शाम सात बजे उन्हें बेटे के डूबने की जानकारी मिली। मौके पर पहुंचे तो आसपास के लोगों ने मयंक व दिव्यांश को पानी से निकाल लिया था।
वे दोनों को तुरंत संजय गांधी अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वहीं, दिव्यांश के पिता प्रमोद तोमर ने बताया कि वे परिवार के साथ अगर नगर स्थित मीठा पानी कॉलोनी में रहते हैं। वे एक फैक्टरी में काम करते हैं और मूलरूप से ओरैया के रहने वाले हैं। दिव्यांश घर के पास स्थित सरकारी स्कूल के 11वीं में पढ़ता था। शुक्रवार को बेटा कुछ दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने गया था। कुछ ही देर बाद उसके पानी में डूबने की सूचना मिली।
तीन साल से भरा हुआ है पानी
लोगों ने बताया कि तीन साल से यहां पानी भरा हुआ है। बारिश के दिनों में जलस्तर काफी बढ़ जाता है। इसकी शिकायत कई बार अधिकारियों से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों से की जा चुकी है। इसके बावजूद पानी हटाने के लिए कोई पहल नहीं की गई है।