डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शुक्ला ने कहा कि प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर मरीजों की संख्या बढ़ रही है। अस्पताल में ऐसे मरीजों के लिए विशेष क्लीनिक शुरू हुआ है।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के साथ सांस सहित दूसरी परेशानियों के मरीज बढ़ गए हैं। ऐसे मरीजों के लिए डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में विशेष क्लीनिक चल रहा है। इसमें हर सप्ताह सांस लेने में तकलीफ, गले में खराश, आंख लाल होना, त्वचा पर दाग या दाने सहित दूसरी परेशानियाें के साथ लोग पहुंच रहे हैं। अस्थमा सहित दूसरे रोगियों की समस्या दोगुनी हो गई है।
डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शुक्ला ने कहा कि प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर मरीजों की संख्या बढ़ रही है। अस्पताल में ऐसे मरीजों के लिए विशेष क्लीनिक शुरू हुआ है। यह सोमवार को दोपहर दो बजे के बाद चलता है। यदि जरूरत पड़ी तो इसे सप्ताह के सभी दिन चलाया जा सकता है। यहां पर पल्मोनरी, मानसिक रोग, त्वचा, सहित अन्य विभागों के 8 डॉक्टर सुविधाएं दे रहे हैं। इसमें फैकल्टी स्तर के विशेषज्ञ भी हैं। उन्होंने कहा कि प्रदूषण के कारण मानसिक रोग सहित तनाव बढ़ जाता है। समय पर इसका इलाज जरूरी है।
वहीं पल्मोनरी विभाग के प्रमुख डॉ. अमित सूरी ने कहा कि प्रदूषण बढ़ने के कारण पहले से रोगी, कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीज, बुजुर्ग, बच्चों की समस्या बढ़ गई है। ऐसे मरीजों को विशेष रूप से बचने की सलाह दी गई है। किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेने की अपील की गई है।
प्रदूषण का स्तर बढ़ने के साथ ही जीटीबी अस्पताल के पल्मोनरी विभाग में इलाज करवाने आ रहे गंभीर मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है। अस्पताल के ओपीडी में रोजाना 100 से 150 मरीज पहुंच रहे हैं। इनमें से करीब एक तिहाई मरीजों को सांस लेने में दिक्कत सहित दूसरी परेशानियां हो रही हैं। सामान्य दिनों में यह संख्या 15 फीसदी तक ही होती है। अस्पताल में पल्मोनरी विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. अंकिता गुप्ता ने कहा कि प्रदूषण बढ़ने के बाद लाल आंख, सांस के मरीज सहित अन्य बड़ी संख्या में आ रहे हैं। ऐसे मरीजों की दिक्कत ज्यादा हो रही है।
आतिशबाजी से बिगड़ सकती है हवा की सेहत
राजधानी में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। ऐसे में दिवाली के दिन आतिशबाजी हवा की सेहत और बिगाड़ सकती है। दिवाली से पहले ही वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बेहद खराब है। बीत दो वर्ष में दिवाली से पहले हवा खराब श्रेणी में थी। इसमें 2023 में एक्यूआई 220 और 2022 में 259 एक्यूआई दर्ज किया गया था।
यह खराब श्रेणी में है, जबकि इस बार दिवाली से पहले ही लगातार तीन दिन से एक्यूआई बेहद खराब श्रेणी में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक बुधवार से हवा गंभीर श्रेणी में पहुंच सकती है। ऐसे में पूर्वानुमान है कि इस बार दिवाली के अगले दिन हवा गंभीर श्रेणी में जा सकती है। ऐसे में अगर जमकर आतिशबाजी होती है तो चार साल का रिकॉर्ड टूट सकता है। दिवाली के दिन 2020 में हवा गंभीर थी। इस बार यह परिस्थिति बनने आशंका है।
दिल्ली के विभिन्न इलाकों में अधिकतम एक्यूआई दर्ज
बुराड़ी 365
आनंद विहार 343
सोनिया विहार 347
मुंडका 348
बवाना 336
विवेक विहार 336
वजीरपुर 327
अशोक विहार 322
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