दिल्ली दंगों के आरोप में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को गिरफ्तार किया गया है. दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने उमर को गिरफ्तार किया है. उमर की गिरफ्तारी यूएपीए कानून के तहत हुई है. रविवार देर रात लंबी पूछताछ के बाद हुई उमर खालिद की गिरफ्तारी की विपक्षी दल व अन्य संगठनों के लोग आलोचना कर रहे हैं तो वहीं कुछ नेता एक बड़ी साजिश के खुलासे की बात कह रहे हैं.
पुलिस की चार्जशीट में स्वराज अभियान के योगेंद्र यादव का नाम भी लिया गया है. उमर की गिरफ्तारी पर योगेंद्र यादव ने कहा, ”हैरान हूं कि एंटी टेरर कानून UAPA का इस्तेमाल एक ऐसे यंग, विचारक उमर खालिद को गिरफ्तार करने के लिए किया गया है, जिसने हमेशा हिंसा और सांप्रदायिकता का हर रूप में विरोध किया है. वो बिना शक एक ऐसे नेताओं में हैं जिसे भारत डिजर्व करता है. दिल्ली पुलिस भारत के भविष्य को ज्यादा वक्त तक हिरासत में नहीं रख सकती.”
दिल्ली बीजेपी नेता और पूर्व विधायक कपिल मिश्रा ने ट्वीट में लिखा, ”ताहिर हुसैन और खालिद सैफी का हैंडलर, इस्लामिक आतंकी सोच वाला उमर खालिद गिरफ्तार हो गया. दिल्ली दंगे इस्लामिक आतंकियों और अर्बन नक्सलियों की मिली-जुली साजिश थी. अभी उमर खालिद के असली माई बाप भी पकड़े जाएंगे.”
भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद ने उमर खालिद की गिरफ्तारी का विरोध किया है. चंद्रशेखर ने ट्वीट में लिखा, ”दिल्ली दंगों के मामले में बीती रात उमर खालिद को गिरफ्तार कर लिया गया. यह गिरफ्तारी पूरी तरह से असंवैधानिक है. अमित शाह के इशारों पर काम करने वाली दिल्ली पुलिस असहमति की तमाम आवाज़ों का गला दबाना चाहती है, लेकिन ध्यान रहे इन गिरफ्तारियों से हम डरने वाले नहीं हैं.”
वहीं, मानहानि केस के दोषी मशहूर वकील प्रशांत भूषण जब सोमवार को जुर्माना का एक रुपया जमा कराने पहुंचे तो उन्होंने भी उमर खालिद की गिरफ्तारी को आवाज उठाने वालों पर कार्रवाई करार दिया. प्रशांत भूषण ने कहा कि आवाज उठाने वाले उमर खालिद और अन्य लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो रही है, ऐसे लोगों की मदद के लिए जन जन से एक-एक रुपया जमा कर सत्य फंड बनाया जा रहा है. भूषण ने इससे पहले अपने ट्वीट में ये भी कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से काम करने वाले कार्यकर्ताओं को फंसाने की ये दिल्ली पुलिस की साजिश है.
यूनाइटेड अगेंस्ट गेट संगठन ने उमर खालिद की गिरफ्तारी पर कहा कि ऐसी डराने वाले एक्शन के बावजूद सीएए और यूएपीए के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी. बता दें कि उमर खालिद भी यूनाइटेड अगेंस्ट हेट संगठन से जुड़े हैं जिसके मंच से अक्सर सरकार की नीतियों व फैसलों के खिलाफ आवाज उठाई जाती रही है.
गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी ने भी उमर खालिद की गिरफ्तारी की आलोचना की है. जिग्नेश ने अपने ट्वीट में गृहमंत्री अमित शाह को संबोधित करते हुए लिखा, ”मेरा दोस्त उमर एक फाइटर है. उसे पहले भी खामोश नहीं किया जा सका है और अब भी उसे शांत करने की क्षमता आपके अंदर नहीं है. हमारे प्यारे भारत को फासिस्ट स्टेट बनाने के तुम्हारे प्रोजेक्ट को हम शिकस्त देंगे. लड़ते रहे हैं, लड़ेंगे और एक दिन जरूर जीतेंगे.”
लेफ्ट विंग के छात्र संगठन आइसा ने भी उमर खालिद की गिरफ्तारी पर सरकार को घेरा है. आइसा ने उमर की गिरफ्तारी पर दिल्ली पुलिस की आलोचना करते हुए तुरंत उनको रिहा करने की मांग की है. आइसा की तरफ से ये भी कहा गया है कि कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर समेत अन्य बीजेपी नेताओं के खिलाफ सबूत होने के बावजूद दिल्ली पुलिस ने न सिर्फ एक्शन लेने से इनकार किया है, बल्कि ऐसे असली भड़काने वालों पर एफआईआर तक नहीं की.
गौरतलब है कि दिसंबर 2019 में केंद्र सरकार ने सीएए कानून पास किया था, जिसका दिल्ली समेत देश के कई इलाकों में विरोध किया गया. 15 दिसंबर को दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी इलाके में सीएए प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई. दूसरी तरफ अलग-अलग इलाकों में धरने प्रदर्शन चलते रहे. इसी कड़ी में फरवरी महीने में नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के जाफराबाद इलाके में मेट्रो स्टेशन पर भी लोग गए, और उसी इलाके में कपिल मिश्रा समेत अन्य बीजेपी नेताओं ने रोड खाली करने की धमकी दी. इसके बाद अगले ही दिन इलाके में भारी हिंसा हुई, जिसने विकराल रूप ले लिया. करीब 53 लोगों की मौत हो गई.
इलाके में कई दिनों तक कर्फ्यू लागू रहा. इसी दंगे की साजिश के आरोप में 6 मार्च 2020 को उमर खालिद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. इस FIR में उमर खालिद पर लोगों को जमा करना, दंगे भड़काना, दंगों की पूर्व नियोजित साज़िश रचना, भड़काऊ भाषण देना, डोनाल्ड ट्रंप के दौरे के दौरान लोगों को सड़क पर प्रदर्शन करने के लिए उकसाना जैसे संगीन इल्जाम लगाए गए. उमर खालिद पर यूएपीए के तहत भी कार्रवाई की गई है.