दिल्ली सरकार ने द्वारका एक्सप्रेसवे परियोजना में भूमि अधिग्रहण घोटाले का मामला सीबीआई को भेजा है। मुख्य सचिव नरेश कुमार पर भूमि के मूल्यांकन में 22 गुना मूल्य बढ़ाने का आरोप लगा है, जिससे उनके बेटे करण चौहान से जुड़ी कंपनी को लाभ हो। इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को बामनोली भूमि अधिग्रहण मामले से जुड़ी जांच रिपोर्ट उपराज्यपाल वीके सक्सेना को भेजी थी।
विजिलेंस मंत्री आतिशी ने मुख्यमंत्री को यह रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें बामनोली गांव में 19 एकड़ जमीन के अधिग्रहण में कथित भ्रष्टाचार के लिए नरेश कुमार को पद से हटाने की सिफारिश की गई। जिसके बाद अब दिल्ली सरकार ने रिपोर्ट सीबीआई को भेजी है। दिल्ली मंत्री ने 650 पन्नों की रिपोर्ट केजरीवाल को सौंपी। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मामले में 850 करोड़ रुपये का नाजायज फायदा पहुंचाया गया है। यह जमीन 2015 में द्वारका एक्सप्रेसवे के पास केवल 75 लाख रुपये में खरीदी गई थी।
हालांकि, इस मामले में मुख्य सचिव कार्यालय ने सभी आरोपों को निराधार बताया है। कार्यालय का कहना है कि कुछ दिनों पहले ही मंडलायुक्त ने स्पष्ट कर दिया था कि इस मामले में दोषी कौन है। साथ ही, जांच की बात भी की थी। आतिशी की रिपोर्ट एक शिकायत की जांच का नतीजा है जिसमें आरोप लगाया गया था कि मुख्य सचिव के बेटे को एक ऐसे व्यक्ति ने नौकरी पर रखा था जो बामनोली में लाभान्वित भूस्वामियों का रिश्तेदार था।