समाचार पोर्टल न्यूजक्लिक मामले में नया खुलासा हुआ है। जांच के बाद दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि न्यूज क्ल्कि के बैंक खातों में चीन से 60 करोड़ से ज्यादा रुपये का अवैध लेनदेन हुआ है। पुलिस ने 480 डिवाइस फोरेंसिक जांच के लिए भेजी हैं। स्पेशल सेल के अधिकारी ने बताया कि न्यूजक्लिक मामले की चार्जशीट तैयार करनी शुरू कर दी गई है।
स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जांच के लिए भेजे उपकरण में फोन, हार्ड डिस्क या ड्राइव उन पत्रकारों के हैं जो वर्तमान में कार्यरत हैं या पूर्व में काम कर चुके हैं। सभी डाटा की एक रिपोर्ट पिछले सप्ताह तैयार की गई थी और समीक्षा के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भेजी गई है। जांचकर्ताओं ने कहा कि रिपोर्ट में जांच से संबंधित सभी चैट, मेल ट्रेल्स, बैंक स्टेटमेंट, लेनदेन और फाइलों का उल्लेख है। हालांकि, पुलिस डिलीट किए गए डाटा को फिर से प्राप्त करने के लिए आगे की जांच पर जोर दे रही है। अधिकारियों ने कहा कि फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट में मेल ट्रेल्स और बैंक स्टेटमेंट शामिल हैं जिनकी आगे समीक्षा की जाएगी और अंतिम रिपोर्ट के रूप में अदालत को प्रस्तुत किया जाएगा।
दिल्ली पुलिस ने तीन अक्टूबर को दिल्ली, नोएडा, मुंबई, गुरुग्राम और कई अन्य स्थानों पर कर्मचारियों, पत्रकारों और योगदानकर्ताओं (न्यूज क्लिक से जुड़े) के घरों पर छापे मारे थे। पुलिस ने न्यूजक्लिक पर चीनी कंपनियों/संस्थाओं से अवैध धन प्राप्त करने, चीन समर्थक प्रचार फैलाने और घरेलू नीतियों की आलोचना करने का आरोप लगाया था। बाद में पुलिस ने न्यूज़क्लिक के सह-संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम, आपराधिक साजिश और विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के तहत प्राथमिकी दर्ज किए जाने के दो महीने बाद छापा मारा। इधर, न्यूज़क्लिक ने हाल में मीडिया को दिए बयान में कहा है कि हमारे पत्रकारों और कर्मचारियों के उपकरणों में कथित रूप से आपत्तिजनक सामग्रियों की मौजूदगी के इन निराधार आरोपों को खारिज करता है। जैसा कि हमने अतीत में बताया है, हमारी फंडिंग उचित बैंकिंग चैनलों के माध्यम से हुई है। कानून द्वारा आवश्यक संबंधित अधिकारियों को सूचित किया गया है।
440 फोन की होगी जांच
स्पेशल सेल का कहना है कि उपकरणों से डंप और हटाए गए डाटा को फिर से हासिल करना जरूरी है। इसके लिए सभी फोन को खासतौर पर नेशनल साइबर फॉरेंसिक लैब (एनसीएफएल) में जांच के लिए भेजा। 440 से अधिक फोन और 40-50 हार्ड डिस्क, डिस्क और ड्राइव जब्त किए गए। हमें चैट, बैंक लेनदेन, बयान निकालने और फाइलों और मीडिया जैसे अन्य आपत्तिजनक सबूतों की तलाश करने के लिए कहा गया था। इस साजिश में कौन-कौन शामिल था इसका पता लगाया जा रहा है।
चैट छिपाने का आरोप
स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 4-6 महीने के बाद डिलीट हुई चैट और मीडिया फाइल्स को रिकवर करना मुश्किल होता है। पुलिस का कहना है कि है कि आरोपी कई चैट छिपा रहे हैं जो जांच के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह साबित करने के लिए ईमेल और लेनदेन मिले हैं कि उन्हें मुखौटा कंपनियों से अवैध धन प्राप्त हुआ है। हालाँकि, बहुत सारी चैट और फ़ाइलें गायब मिली हैं।
चक्रवर्ती की याचिका पर हाईकोर्ट का आदेश सुरक्षित
हाईकोर्ट ने बुधवार को न्यूजक्लिक के मानव संसाधन प्रमुख अमित चक्रवर्ती की याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया, जिसमें पोर्टल पर चीन समर्थक प्रचार के लिए धन प्राप्त करने के आरोपों के बाद दर्ज यूएपीए मामले में सरकारी गवाह बनने के बाद जमानत की मांग की गई थी। न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा के समक्ष सरकारी पक्ष ने कहा कि अगर चक्रवर्ती को जमानत दी जाती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है। चक्रवर्ती के पेश वकील ने कहा कि निचली अदालत पहले ही मामले में उन्हें माफी दे चुकी है और वह अक्टूबर से हिरासत में हैं।