करीब एक दर्जन गांवों में न तो पाइप लाइनों से पानी की आपूर्ति हो रही है और न ही दिल्ली जल बोर्ड के टैंकर पहुंचे रहे है। इस कारण इन गांवों के ग्रामीणों ने पानी के मामले में हरियाणा के पड़ोसी गांवों की शरण ले ली है।
राजधानी में भीषण गर्मी के बीच हरियाणा सेे पर्याप्त पानी नहीं मिलने के सीमावर्ती गांवों में पेयजल संकट हो गया है। करीब एक दर्जन गांवों में न तो पाइप लाइनों से पानी की आपूर्ति हो रही है और न ही दिल्ली जल बोर्ड के टैंकर पहुंचे रहे है।
इस कारण इन गांवों के ग्रामीणों ने पानी के मामले में हरियाणा के पड़ोसी गांवों की शरण ले ली है। वे इन गांवों के खेतों में लगे ट्यूबवेलों व हैंडपंपों से पानी भरकर जाते है। लिहाजा दिल्ली के ग्रामीणों का कुछ दिनों से सुबह व शाम हरियाणा के गांवों की ओर लारा लगा रहता है।
पश्चिमी दिल्ली के सीमावर्ती गांव ढांसा, गालिबपुर, दौराला, रावता, सारंगपुर, झुलझली, दरियापुर खुर्द, मलिकपुर, मुंडेला कलां, मुंडेला खुर्द, बाकरगढ़, काजीपुर, ईसापुर आदि में पिछलेे कई दिल्ली से दिल्ली जल बोर्ड के उजवा, दौलतपुर आदि स्थानों पर बने भूमिगत जलाशयों से पेयजल आपूर्ति नहीं हो रही है। इसके अलावा जलाशयों से जल बोर्ड के टैंकर भी पानी लेकर नहीं पहुंच रहे है। जबकि ग्रामीण निरंतर टैंकर भेजने के लिए फोन करते है।
इस कारण ग्रामीणों ने हरियाणा की ओर रुख कर लिया है। दिल्ली के ग्रामीण साईकिल, रिक्शा, स्कूटर, बाइक, कार आदि के माध्यम से हरियाणा के लोहट, देवरखाना, बाढ़सा, लुक्सर आदि गांवों से पानी भरकर लाते है।
डेढ़ दशक पहले जैसे हालत हुए : ढांसा गांव के राजेंद्र कटारिया बताते है कि इलाके में डेढ़ दशक पहलेे जैसे हालत पैदा हो गए है। तब इलाके में गंभीर पेेयजल संंकट रहता था और इलाके के ग्रामीण हरियाणा के पड़ोस वाले गांवों के खेतों में सिंचाई के लिए लगे ट्यूबवेलों से पानी भरकर लाते थे। उसी तरह अब कुछ दिनों से फिर ग्रामीण उन खेतों में पानी भरने के लिए जा रहे है।
गांवों में भूजल का स्तर गहरा व बेहद दूषित
काजीपुर गांव के निवासी श्रीभगवान यादव के अनुसार, दिल्ली के सीमावर्ती गांवों में भूजल का स्तर बहुत अधिक नीचे है और वह बेहद ही दूषित है। इस कारण गांवों में लगे ट्यूबवेलों का पानी पीने योग्य नहीं है। इसके अलावा हैंड पंपों कुछ दिन बाद ही खराब हो जाते है। इस कारण वह दिल्ली जल बोर्ड के पानी पर निर्भर रहते है। मगर पिछले कुछ दिनों से जल बोर्ड के माध्यम ये भी उनको पीने का पानी नहीं मिल रहा है। जल बोर्ड के अधिकारी कहते है कि उनके इलाके के जलाशयों में बहुत कम पानी आ रहा है। लिहाजा गांवों में बहुत गंभीर हालत हो गए है।